26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बेरोजगार हो गये यूपी के एक लाख शिक्षा प्रेरक, दो अप्रैल से दिल्ली में करेंगे बड़ा प्रदर्शन

केंद्र सरकार से योजना की अनुमति न मिलने के कारण 31 मार्च 2018 को एक लाख युवाओं से नौकरी छिन गई है...

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Hariom Dwivedi

Apr 01, 2018

Shiksha Prerak

लखनऊ. अप्रैल माह शिक्षा प्रेरकों के लिये किसी बुरे सपने से कम नहीं है। 31 मार्च को उत्तर प्रदेश के एक लाख से अधिक शिक्षा प्रेरक बेरोजगार हो गये हैं। केंद्र सरकार से योजना की अनुमति न मिलने के कारण 31 मार्च 2018 को शिक्षा प्रेरकों की सेवा समाप्ति कर दी गई है। साक्षरता निदेशक अमरनाथ वर्मा ने शनिवार को शिक्षा प्रेरकों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया।

सरकार के इस फैसले से शिक्षा प्रेरकों में गुस्से का माहौल है। शिक्षामित्रों के बाद अब शिक्षा प्रेरकों सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन को तैयार हैं। दो अप्रैल यानी सोमवार को उत्तर प्रदेश के सभी प्रेरक दिल्ली के संसद मार्ग पर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करेंगे।

यह भी पढ़ें : शिक्षामंत्री से मिलने पहुंचे थे शिक्षामित्र, लेकिन... अब कर दी बड़ी मांग, देखें वीडियो

एक लाख से अधिक शिक्षा प्रेरक हैं यूपी में
केंद्र सरकार की इस योजना के के तहत उत्तर प्रदेश की 49, 921 ग्राम पंचायतों में वर्ष 2011 में एक महिला और एक पुरुष शिक्षा प्रेरक नियुक्त किया गया था। मौजूदा समय में शिक्षा प्रेरकों की संख्या एक लाख से अधिक है। शिक्षा प्रेरकों को सरकार की तरफ से दो हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता रहा है। शिक्षा प्रेरक के जिम्मे ग्राम पंचायत में 15 साल या इससे ऊपर के महिला/पुरुषों को पढ़ाने की जिम्मेदारी होती थी।

केंद्र सरकार ने नहीं दी अनुमति
राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सचिव एवं निदेशक अवध नरेश शर्मा की मानें तो 30 सितम्बर तक ही इस योजना को स्वीकृति मिली थी। इसे आगे जारी रखने के लिये विभाग ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, जिस पर सरकार की अनुमति नहीं मिली है।

यह भी पढ़ें : स्कूलों में फीस बढ़ोत्तरी से नाराज अभिभावक संघ, कर दी ये बड़ी मांग

सोमवार को अनिश्चितकाली धरना-प्रदर्शन
सेवा समाप्ति करने के आदेश से नाराज शिक्षा प्रेरकों ने बड़े प्रदर्शन का ऐलान किया है। प्रेरक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि आदेश के बाद शिक्षा प्रेरकों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। प्रदेश के करीब एक लाख शिक्षा प्रेरक वर्ष 2011 उसी मानदेय पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भर के शिक्षामित्र दो अप्रैल से दिल्ली के संसद मार्ग पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे।