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राहुल गांधी चाहते यूपी में मायावती का साथ, प्रदेश अध्यक्ष अलाप रहे अलग राग, कांग्रेस में क्या चल रहा है?

राहुल गांधी ने बीते दिनों अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अगर बीजेपी को टक्कर देना है तो क्षेत्रीय पार्टियों को एक साथ आना होगा। उनकी विचारधारा राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव नहीं डाल सकती।

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लखनऊ

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Anand Shukla

Jan 02, 2023

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कांग्रेस सांसद और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की “भारत जोड़ो यात्रा” शीतकालीन अवकाश पर है। 3 जनवरी से “भारत जोड़ो यात्रा” उत्तर प्रदेश में शुरु हो रही है। इससे पहले राहुल गांधी ने एक प्रेस कांफ्रेस ने अखिलेश और मायावती को लेकर कहा कि दोनों नेताओं से उनका विचारधारात्मक रिश्ता है क्योंकि वे लोग मोहब्बत का हिंदुस्तान चाहते हैं। ये बयान काफी वायरल हुआ था।

राहुल गांधी के इस बयान पर कई तरह के कयास लगाए जाने लगे थे कि राहुल गांधी सपा, बसपा और रालोद को साथ में लेकर एक अलग मोर्चा बना सकते हैं। खाबरी ने रविवार को इन कयासों पर पानी फेर दिया। उन्होंने तो बीएसपी के साथ किसी भी तरह के समझौते से भी इनकार कर दिया है। वहीं सपा से गठबंधन पर कोई 'विराम-चिह्न' का प्रयोग नहीं किया।

बसपा बीजेपी के गोद में बैठी है: बृज लाल खाबरी

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृज लाल खाबरी से एक इंटरव्यू में पूछा गया कि यूपी में जब “भारत जोड़ो यात्रा” प्रवेश हो तब विपक्षी दल उनका सपोर्ट करें लेकिन एक ही दिन बाद यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने अलग ही बयान दे दिया। बृजलाल खाबरी ने एक इंटरव्यू में कहा कि बीएसपी भाजपा की गोद में जाकर बैठी है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कह दिया कि मायावती अपने आपको मिटाने के लिए खुद ही पर्याप्त हैं।


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“श्याम सुंदर बीएसपी और कांग्रेस का नहीं करवा सकते गठबंधन”

दरअसल जब “भारत जोड़ो यात्रा” दिल्ली पहुंची थी तब उस दौरान बीएसपी सासंद श्याम सुंदर यादव शामिल हुए थे। उन्होंने दावा किया था कि मायावती भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगी और वह गठबंधन से चुनाव लड़ने की भी बात भी की थी।

श्याम सुंदर के इस बयान पर जब खाबरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “सासंद श्याम सुंदर यादव अब बसपा से आजाद हैं। वह कुछ भी बोल सकते हैं। इतना बड़ा फैसला करवाना उनके बस में नहीं है।” वहीं, सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर कहा कि अखिलेश यादव और राहुल गांधी दोनों एक साथ पहले भी आ चुके हैं तो आगे इसे नकारा नहीं जा सकता है।

“जो रास्ते में मिले उससे करना है नमस्ते”

खाबरी से जब सवाल पूछा गया कि यात्रा में विपक्ष में सपा, रालोद और बसपा को आमंत्रण दिया गया है लेकिन अखिलेश और रालोद यात्रा में आने से मना कर रहे हैं। ऐसे में विपक्ष एकजुट कैसे होगा? इस पर उन्होंने कहा कि हमारा काम इस यात्रा के माध्यम से नफरत को खत्म करना और भाईचारा कायम करना है। जब हम भारत जोड़ने निकले हैं तो जो भी रास्ते में मिले उससे नमस्ते करना है।

पार्टी ने निर्णय लिया है कि इस यात्रा में समान विचारधारा के दल, डॉक्टर, इंजीनियर, एनजीओ को साथ में चलने का आमंत्रण दिया जाए। खाबरी ने कहा कि संविधान बचाने के लिए जो साथ चलेगा उसका स्वागत है। यूपी से खाप पंचायतों ने यात्रा में शामिल होने की हामी भरी है।

ऐसे में सवाल ये है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी यूपी में विपक्ष को एक जुट करना चाहते हैं। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी उनके विपरीत बयान दे रहे हैं। क्या कांग्रेस सपा के ओबीसी, गैर यादव ओबीसी के वोटबैंक को साधने की कोशिश में है या बीएसपी के दलित वोटरों पर नजर डाले बैठी है। ऐसे में क्या माना जाए कि कांग्रेस यूपी में विपक्ष का जगह लेना चाहती है। अगर वह यूपी विपक्ष का चेहरा बनना चाहती है तो किस आधार पर। अगर वर्तमान में यूपी कांग्रेस का आंकड़े देखा जाए तो यूपी में1 सासंद और 2 विधायक हैं।