दरअसल रेलवे बोर्ड लॉकडाउन के बाद कुछ चुनिंदा रूटों पर ही सीमित संख्या में ट्रेनों को चलाने की गाइड बनाने पर मंथन कर रहा है। जानकारी के मुताबिक जनरल और स्लीपर क्लास की ट्रेनों की बोगियों में तो शारीरिक दूरी के लिए वेटिंग लिस्ट और मिडिल कंफर्म सीटों को हटाने की बात भी चल रही है। हालांकि अभी इसको लेकर कोई औपचारिक दिशा निर्देश जोनल मुख्यालयों को जारी नहीं हुए हैं।
एसी बोगियों के हटेंगे शीशे रेलवे बोर्ड के सीनियर अधिकारियों की अगर मानें तो कोरोना वायरस के चलते ट्रेनों में एसी क्लास बोगियों में सेंट्रल एसी होती है। ऐसे में इस एसी को नहीं चलाया जा सकता। क्योंकि सेंट्रलाइज एसी से भी कोरोना फैलने का डर रहता है। ऐसे में बिना एसी के पूरी तरह बंद बोगी में यात्री घुटन और भीषण तपिश में सफर भी नहीं कर पाएगा। जिसके चलते एसी क्लास बोगियों के शीशे भी हटाए जा सकते हैं। यानी ट्रेनें नॉन एसी हो सकती हैं। ऐसे स्थिति में किराए का जो अंतर होगा उसे यात्रियों को वापस कर दिया जाएगा।
खाना न देने पर विचार आइआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया कि शताब्दी, गतिमान, तेजस और राजधानी को लॉक डाउन हटने के बाद एयरलाइन्स की तर्ज पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए चलाया जा सकता है। इस ट्रेन में सतर्कता के तहत यात्रियों को सिर्फ पानी देने पर विचार किया जा रहा है। अभी खाना न देने को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है।