केजीएमयू के अलावा लखनऊ के ही डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (आरएमएल) तक में डॉक्टर्स की ओर से सुरक्षा किट की मांग की गई है। रविवार को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कार्यरत नर्स शशि सिंह ने करीब 12 मिनट का एक वीडियो पोस्ट जारी कर अस्पताल की व्यवस्थाओं को दिखाते हुए कहा था कि मैं इस समय ड्यूटी पर हूं। यह मेरा वॉर्ड है। हमारे यहां स्थिति यह है कि नर्सों के लिए कोई सुविधा नहीं है। एन-95 मास्क नहीं है। प्लेन मास्क मिलता है, ग्लव्स मिलते हैं, उसी से हम पेशेंट को हैंडल करते हैं। कहा कि नर्सों के पास जरूरी सुरक्षा किट नहीं है, फिर भी उनसे स्वाइन फ्लू और कोरोना के संदिग्ध मरीजों को हैंडल करने को कहा जाता है।
19 मार्च को रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हो या फिर 29 तारीख का मन की बात कार्यक्रम, उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारियों का शुक्रिया अदा किया था। साथ ही लोगों से भी उनका आभार व्यक्त करने को कहा था। साथ ही डॉक्टरों से मरीजों की सेवा में जुटे रहने का आवाहन किया था। लेकिन, जब कोविड-19 के जैसे महासंकट से लड़ रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के पास जरूरी सुरक्षा किट ही नहीं तो वह कैसे इस महामारी का मुकाबला कर पाएंगे।