मेहनत के बावजूद जयंत राजनीति में नहीं कर पाए कमाल रालोद का उपाध्यक्ष बनाए जाने से पहले जयंत पार्टी के महासचिव की भूमिका निभा रहे थे। वे 2009 में मथुरा से सांसद चुने गए, लेकिन 2014 की मोदी लहर ने उन्हें संसद से बाहर का रास्ता दिखा दिया और मथुरा लोकसभा सीट पर बॉलीवुड अभिनेत्री हेमामालिनी की जीत हुई।
‘बढ़ो विकास की ओर’ पद यात्रा शुरू की थी 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान जयंत ने ‘बढ़ो विकास की ओर’ पदयात्रा शुरू की थी। जिसमें उनके पिता अजीत सिंह का नामो-निशान नहीं था, लेकिन दादा चौधरी चरण सिंह के बड़े-बड़े पोस्टर लगे हुये थे। हालांकि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जाटों का वोट इनको नहीं मिला जिस कारण काफी फजीहत भी हुई।
दादा को मानते हैं सबसे करीब जयंत के बारे में एक खास बात ये है कि वे अपने पिता के बजाय दादा के बारे में ही बात करते हैं। उन्होंने अपने नाम में भी चौधरी जोड़ लिया। काम में हर जगह दादा के ही बारे में बात करते हैं। संसद में रहते हुये लैंड एक्विजिशन बिल लेकर आये। 2011 में जब दिल्ली के किसानों ने दिल्ली लैंड एक्विजिशन बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया तो जयंत चौधरी इसके पक्ष में खड़े हुये थे।
लंदन में पढ़े-बढ़े हैं जयंत
जयंत लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स के छात्र रह चुके हैं। जबकि उनके पिताजी आईआईटी से पढ़े हैं।अमेरिका में पले-बढ़े जयंत इन्वेस्टमेंट बैंकर हुआ करते थे। गिटार बजाने का रखते है शौक
जयंत चौधरी गिटार बजाने का शौक रखते है, साथ ही गाना गाने का शौक रखते है। जंयत सिंह चौधरी एक युवा नेता है।
पंजाबी लड़की से की शादी
पश्चिम उत्तर प्रदेश में जातिवाद की गहरी जड़ों पर चोट करते हुए जयंत ने एक पंजाबी लड़की चारु सिंह से शादी की है। बताते चलें कि राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने जयंत चौधरी को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जयंत के पिता चौधरी अजीत सिंह ने रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसकी घोषणा की।