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UP Panchayat Chunav 2021 : चुनाव आयोग ने जारी की गाइडलाइन, नई आरक्षण लिस्ट के लिए शासनादेश आज

राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को UP Panchayat Chunav 2021 की नई गाइडलाइन के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं

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लखनऊ

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Hariom Dwivedi

Mar 17, 2021

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. UP Panchayat Chunav 2021. यूपी पंचायत चुनाव 2021 के लिए राज्य चुनाव आयोग ने विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके मुताबिक, पंचायत चुनाव चार चरणों में कराए जाएंगे। प्रत्येक मंडल में एक चरण में एक ही जिले में चुनाव कराया जाएगा। नई गाइडलाइन के मुताबिक, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान के लिए मतदाताओं को अलग-अलग वोट नहीं डालने होंगे, बल्कि मतदाताओं को चारों मतपत्र एख ही मतपेटी में डालने की सुविधा मिलेगा। यूपी पंचायत चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने कुल 52.5 करोड़ मतपत्र प्रकाशित कराए हैं। मतदाताओं की सुविधा के लिए अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग रंग के बैलेट पेपर होंगे। जैसे- लाल, हरा, नीला और सफेद। इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि प्रत्येक जिले के सभी विकासखंडों में एक ही चरण में चुनाव कराये जाएं। लेकिन, किसी मंडल में जिलों की संख्या चार से अधिक हैं तो वहां किसी एक चरण में दो जिलों में एक साथ चुनाव कराया जाएगा। वहीं, इस बार पोलिंग पार्टी में भी पीठासीन अधिकारी के अतिरिक्त तीन मतदानकर्मी भी नियुक्त किए जाएंगे। इसके अलावा आयोग ने प्रत्येक मतदान दल में महिला कर्मचारी की अनिवार्यता हटा दिया है, लेकिन किसी भी दल में एक से अधिक भी महिलाएं हो सकती हैं। अभी तक हर पोलिंग पार्टी में एक महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य था।

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नए सिरे से आरक्षण का शासनादेश होगा जारी
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार के साथ-साथ चुनाव आयोग को भी आदेश दिया था कि हर हाल में 25 मई तक पंचायत चुनाव संपन्न करा लिए जाएं। वहीं, कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि वर्ष 2015 को आधार मानकर आरक्षण की लिस्ट फिर से जारी करने के निर्देश दिये थे। कोर्ट के आदेश बाद से सरकार और चुनाव आयोग नये सिरे से पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट गया है। मंगलवार को हुई योगी कैबिनेट की बैठक में 10 फरवरी को पंचायतीराज अधिनियम में किये गये 11वें संशोधन को वापस लेते हुए 12वां संशोधन किया। जिसके तहत वर्ष 2015 को आधार मानकर आरक्षण पक्रिया लागू की जाएगी। पंचायती राज विभाग आज आरक्षण के लिए शासनादेश जारी कर सकता है।

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