
कॉपरेटिव बैंक कोटद्वार में फर्जीवाड़ा सामने आया है
Fraud in cooperative bank:सहकारी बैंक के जीएम ने नियम ताक पर रखकर जमकर फर्जीवाड़ा किया है। ये मामला उत्तराखंड के सहकारी बैंक शाखा कोटद्वार में सामने आया है। इस बैंक के महाप्रबंधक दीपक कुमार ने कोटद्वार शाखा के माध्यम से अपने भाई बृजेश कुमार के नाम पर 10 लाख का ऋण स्वीकृत किया। इसकी सूचना उन्होंने मेल से बैंक को दी। हवाला दिया कि कुमाऊं मंडल की ऋण समिति की बैठक में 10 अक्तूबर को ऋण स्वीकृत किया गया है। जांच में यह बात गलत पाई गई। एमडी राज्य सहकारी बैंक नीरज बेलवाल के निर्देश पर जांच समिति ने मामले की पड़ताल की। जांच में आया कि न कुमाऊं और न ही गढ़वाल मंडल की ऋण समिति में कोई भी लोन मंजूर हुआ है। जीएम दीपक कुमार ने ऋण कमेटी के परीक्षण के बिना ही अपने स्तर से ही लोन मंजूर कर दिया।
सहकारी बैंक से अपने भाई के नाम 10 लाख का लोन स्वीकृत कराने वाले जीएम खुद जमानती भी बन गए। जांच समिति ने इसे ऋण नीति का उल्लंघन करार दिया। ऋण नीति के अनुसार कोई भी अधिकारी अपने परिजनों का ऋण स्वयं स्वीकृत नहीं कर सकता। इसके लिए उच्चाधिकारी का अनुमोदन जरूरी है। मामला सामने आते ही सहकारी बैंक के एमडी नीरज बेलवाल ने जीएम के निलंबन के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं दूसरी ओर जीएम दीपक कुमार ने बताया कि उन्हें 20 लाख तक ऋण स्वीकृत करने का अधिकार है।
सहकारी बैंक के जीएम दीपक कुमार विजिलेंस की खुली जांच भी झेल रहे हैं। चमोली और टिहरी में ऋण वितरण, किसान क्रेडिट कार्ड की गड़बड़ी समेत तमाम प्रकरणों में जांच चल रही है। जांच के बाद राज्य सतर्कता समिति ने खुली जांच की मंजूरी दी थी। इधर, सहकारिता सचिव दिलीप जावलकर के मुताबिक मामले में महाप्रबंधक के स्तर से कई चूक की गईं। नियमों को ताक पर रखकर 10 लाख का लोन मंजूर करने को कूट रचना की गई। इस पर निलंबन के आदेश जारी किए गए हैं।
Updated on:
09 Nov 2024 07:40 am
Published on:
09 Nov 2024 07:37 am
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