scriptकोयले की कमी से यूपी में नहीं होगा बिजली संकट | There is no power crisis in UP at present | Patrika News

कोयले की कमी से यूपी में नहीं होगा बिजली संकट

locationलखनऊPublished: Oct 13, 2021 03:27:01 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

उत्तर प्रदेश सरकार फिलहाल, अडानी ग्रुप से 15.84 रुपए प्रति यूनिट की दर से 1.60 करोड़ यूनिट बिजली की खरीद कर ऊर्जा संकट से बचने की कोशिश कर रही है।

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power crisis in UP

उत्तर प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से कोयले की कमी से बिजली संकट को लेकर लगातार खबरें सामने आ रही हैं। लेकिन, अभी उत्तर प्रदेश में बिजली संकट को लेकर हालात काबू में हैं। यूपी पावर कारपोरेशन से प्रदेश को बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए अडानी ग्रुप से 15.84 रुपए प्रति यूनिट की दर से 1.60 करोड़ यूनिट बिजली की खरीद की है।
ऊर्जा निगमों के कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में उत्पन्न बिजली संकट से आम जनजीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर ऊर्जा निगम प्रबन्धन के अडिय़ल एवं उपेक्षात्मक रवैये के कारण ऊर्जा निगमों में बिजली अभियन्ता एवं अन्य कर्मचारी आन्दोलन के लिए बाध्य हो रहे हैं। विद्युत अभियंताओं और कर्मचारियों ने भी इसके लिए ऊर्जा निगमों का शीर्ष प्रबंधन को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। बताया जाता है कि प्रबन्धन द्वारा फिजूलखर्ची कर फर्जी कन्सलटेंटों के सहारे ऊर्जा निगमों को मनमाने ढंग से चलाने के मंत्र के चलते प्रदेश की जनता बिजली संकट झेल रही है।
केंद्रीय सेक्टर से पैदा होने वाले उत्पादन गृहों पर केंद्र सरकार का अनावंटित कोटा 15 प्रतिशत केंद्र सरकार के पास सुरक्षित होता है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा जिन राज्यों को जरुरत होती उससे दिया जाता है। लेकिन, बड़े दुर्भाग्य की बात है की कुछ राज्य केंद्र से अनावंटित कोटे की बिजली अपने राज्य को आवंटित कराकर अपने उपभोक्ताओं को न देकर अपने राज्य में कटौती कर उसे पॉवर एक्सचेंज में महंगी दर पर बेचकर मुनाफाखोरी में लगे है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए एक आदेश जारी किया था की अनावंटित कोटे की बिजली को अगर जिस राज्य को आवंटित है उसको जरुरत नहीं है, तो वह केंद्र को लौटा दे, जिससे जिस राज्य को जरुरत है उसे आवंटित किया जा सके। कुल मिलाकर बिजली संकट को लेकर वर्तमान समय में ऊर्जा कानून में बदलाव की जरुरत है । इसके साथ ही कोयले और अन्य संसाधनों का समुचित भंडारण करना होगा। लाइन लॉस को रोकना तो पहली प्राथमिकता होनी ही चाहिए। तभी ऊर्जा संकट से बचा जा सकेगा।
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