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रेल कर्मचारियों के ट्रैवलिंग और ओवरटाइम अलाउंस में 50 प्रतिशत हो सकती है कटौती, जानिए क्या है कारण

- कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन की वजह से हुए नुकसान को कवर करना चाहता है रेलवे

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लखनऊ

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Neeraj Patel

Nov 24, 2020

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के भारतीय रेल कर्मचारियों को बड़ा झटका लगने वाला है। पिछले कई महीनों से कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन की वजह से हुए नुकसान को कवर करने के लिए भारतीय रेलवे बोर्ड एक खास कदम उठा सकता है। यूपी समेत देश के सभी राज्यों में रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) भारतीय रेल (Indian Railways) के कर्मचारियों के भत्ते में कटौती का फैसला लिया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, रेलवे कर्मचारियों Railway employees के ट्रैवल अलाउंस और ओवरटाइम ड्यूटी (Travel Allowance and overtime Allowance) के लिए दिए जाने वाले भत्ते में 50 प्रतिशत तक की कटौती की जा सकती है।

यह फैसला लेने से पहले फिलहाल रेलवे प्रशासन (Railway Administration) ने इसको लेकर पड़ताल शुरू कर दी है और जल्द ही एक आखिरी फैसला (भत्ते में कटौती के बारे में) लिया जा सकता है। इस साल की शुरुआत में अगस्त में भी इसी तरह की रिपोर्ट सामने आई थीं। इसमें यह दावा किया गया था कि रेल मंत्रालय वर्ष 2020-21 के लिए कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन (Salary and pension) को रोकने के ऑप्शन पर विचार कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

सरकार ने रिपोर्ट को किया था खारिज

सरकार ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। केंद्र सरकार के पास ऐसा कोई प्रपोजल नहीं है और रिपोर्ट झूठी और निराधार है। इसमें यह दावा किया गया था कि इन सुविधाओं के तहत मौजूदा स्टैंडर्ड के मुताबिक पेमेंट जारी रहेगा। पहले यह कहा गया था कि लॉकडाउन के चलते भारतीय रेल पर इसका भारी असर हुआ है और उसके पास सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय ने पहले वित्त मंत्रालय से 2020-21 में 53,000 करोड़ रुपये के पेंशन खर्च को पूरा करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की। बता दें, भारतीय रेल में 13 लाख से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं और करीब 15 लाख पेंशनहोल्डर्स भी हैं।