आरोपियों ने दूसरे राज्यों को जाने वाले खड़िया ट्रकों को ओवरलोडिंग के बावजूद पुलिस चेकिंग से बिना रोके निकालने के लिए एसपी से रिश्वत की पेशकश की थी। एसपी के निर्देश पर मौके पर ही दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
लोकेश्वर सिंह उत्तराखंड के टॉप मोस्ट ईमानदार आईपीएस अधिकारियों में शुमार हैं। वह बागेश्वर के बाद चम्पावत और अब वर्तमान में पिथौरागढ़ में एसपी के पद पर तैनात हैं। ईमानदारी और अनुशासन के लिए आईपीएस लोकेश्वर सिंह की पूरे राज्य में मिशाल दी जाती है।
भ्रष्टाचार के इस मामले में पुलिस ने पांच मार्च 2019 को कोर्ट मेें आरोप पत्र दायर किया था। लोक सेवा अभियोजक गिरिजा शंकर पांडेय ने आरोपियों के खिलाफ आठ गवाह पेश किए। मिठाई का डिब्बा और नोटों की गड्डी भी साक्ष्य के तौर पर कोर्ट में पेश की गई।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कोर्ट हल्द्वानी में होने की वजह से मामला यहां सुना गया। कोर्ट ने तमाम साक्ष्यों के आधार पर दोषियों को पांच-पांच साल कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है।