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बचपन से ही गुस्सैल थी फूलन देवी, 22 ठाकुरों को एक साथ गोली से उड़ा दिया था

- बेहमई गांव में 22 ठाकुरों से एक लाइन से खड़ी कर गोलियों से भून दिया था फूलन देवी ने- मुलायम सिंह यादव ने फूलन देवी पर लगे सारे आरोप वापस ले लिए थे, 2001 में हुई थी हत्या

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लखनऊ

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Hariom Dwivedi

Jul 25, 2020

बचपन से ही गुस्सैल थी फूलन देवी, 22 ठाकुरों को एक साथ गोली से उड़ा दिया था

बचपन से ही गुस्सैल थी फूलन देवी, 22 ठाकुरों को एक साथ गोली से उड़ा दिया था

लखनऊ. फूलन देवी का जिक्र आते ही दिमाग में एक ऐसी लड़की की तस्वीर कौंध जाती है, जिसने अपने संग हुईं ज्यादतियों का प्रतिशोध लेने के लिए 22 ठाकुरों को एक लाइन में खड़ा कर गोली से उड़ा दिया था। गरीब और 'छोटी जाति' में जन्मी फूलन बचपन से किसी की बर्दाश्त नहीं करती थी। जब वह 10 साल की थी, जमीन के लिए अपने चाचा से भिड़ गई। धरना दिया। चचेरे भाई को पीटा भी। क्योंकि उसने एक बार मां से सुना था कि चाचा ने उसकी जमीन हथिया ली है। आज फूलन देवी की पुण्यतिथि है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है। वहीं, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने 'फूलन देवी अमर रहे' हैशटैग से ट्वीट करते हुए क्रांतिकारी व सामाजिक न्याय की प्रतीत करार देते हुए श्रद्धांजलि दी है।

बीहड़ में आतंक का पर्याय रही फूलन देवी पर 22 हत्या, 30 डकैती और 18 अपहरण के मामले दर्ज थे, जिसके चलते फूलन को 11 वर्ष जेल में काटने पड़े। वर्ष 1993 में समाजवादी पार्टी के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव ने फूलन पर लगे सारे आरोप वापस लेने का फैसला किया। 1994 में फूलन जेल से छूटने पर उम्मेद सिंह से शादी कर ली। 1996 के लोकसभा चुनाव में मुलायम ने फूलन को मिर्जापुर से पार्टी का उम्मीदवार बनाया और चुनाव जीता। 1998 के चुनाव मे हार मिली, लेकिन 1999 में फिर जीत गईं। 25 जुलाई 2001 को शेर सिंह राणा फूलन से मिलने आया और घर के गेट पर फूलन को गोली मार दी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। राणा का कहना था कि उसने फूलन को मारकर बेहमई हत्याकांड का बदला ले लिया है।