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लखनऊ

थर्ड जेंडर को मिलेगा समान अधिकार, उपेक्षित वर्गों को समान हक देगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार समाज के उपेक्षित वर्गों में शामिल थर्ड जेंडर को भू- खातेदार के सदस्य के रूप में शामिल करने पर विचार कर रही है

लखनऊJun 07, 2020 / 12:39 pm

Karishma Lalwani

थर्ड जेंडर को मिलेगा समान अधिकार, उपेक्षित वर्गों को समान हक देगी योगी सरकार

थर्ड जेंडर को मिलेगा समान अधिकार, उपेक्षित वर्गों को समान हक देगी योगी सरकार

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार समाज के उपेक्षित वर्गों में शामिल थर्ड जेंडर (Third Gender) को भू- खातेदार के सदस्य के रूप में शामिल करने पर विचार कर रही है। इसके लिए राजस्व संहिता-2006 के प्रावधानों में कई महत्वपूर्ण अंश जोड़ने का प्रस्ताव है। इन प्रस्तावों को एक बार मुख्यमंत्री योगी के सामने प्रस्तुत किया जा चुका है। अब कैबिनेट में अनुमति मिलने के बाद इन वर्गों को ये अधिकार दिए जाने की योजना है। इससे थर्ड जेंडर व्यक्तियों को भौमिक अधिकार और उत्तराधिकार प्राप्त होगा।
धारा 108, 109 और 110 के तहत उत्तराधिकारी की वरीयता होगी तय

सामाजिक समता समिति और विधि आयोग की संस्तुतियों के मद्देनजर राजस्व संहिता की धारा-108, 109 और 110 में उचित स्थान पर थर्ड जेंडर के उत्ताराधिकार की वरीयता तय की जाएगी। इसे सामाजिक सुधार और थर्ड जेंडर को समान अधिकार देने के रूप में देखा जा रहा है।
विधवा को कृषि भूमि आवंटन में वरीयता

सरकार विधवाओं और दिव्यांगजनों के लिए भी महत्वपूर्ण योजना पर विचार कर रही है। राज्स्व संहिता में दिव्यांगजनों को कृषि भूमि के आवंटन में वरीयता देने का कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन केंद्र सरकार के दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम में दिव्यांगजन को भूमि आवंटन किए जाने का प्रावधान किया है। इसी क्रम में योगी सरकार राजस्व संहिता में दिव्यांगजनों और विधवाओं को भूमि के आवंटन में वरीयता देने पर विचार कर रही है। इसके लिए संहिता की धारा-126 में प्रावधान की योजना है।
बिना सरकारी अनुमति खरीदी गई जमीन विनियमित करने का विचार

राजस्व संहिता लागू होने के बाद किसी रजिस्ट्रीकृत फर्म, कंपनी, पार्टनरशिप फर्म, न्यास समिति, शैक्षिक संस्था द्वारा राज्य सरकार की अनुमति के बिना खरीदी गई जमीन के विनियमितीकरण करने का प्रावधान है। इसके लिए सर्किल रेट पर शत प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि, अभी जुर्माने की राशी तय होना बाकी है। मगर इससे सरकार को राजस्व की आय हो सकेगी। इसके लिए धारा-89(3) में संशोधन हो सकता है।
गौवंश संरक्षण के लिए चरागाह को विकसित करने का प्रावधान

प्रदेश में छुट्टा जानवर किसानों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। सरकार के लिए भी छुट्टा जानवरों को काबू में रखना चुनौती भरा काम है। छुट्टा जानवर अक्सर किसानों की फसलों को बर्बाद कर देते हैं। जिलों में गौवंश संरक्षण में चरागाहों का उपयोग किया जा रहा है। पर, चरागाह में किसी तरह का निर्माण कार्य किए जाने की व्यवस्था न होने से पशुओं को वहां रखने व उनके संरक्षण में दिक्कतें आ रही हैं। इस परेशानी से उबरने के लिए सरकार चारगाहों को विकसित करने की योजना बना रही है। इसके लिए राजस्व संहिता की धारा-60-2 में संशोधन कर चरागाहों में अस्थायी निर्माण के प्रावधान का प्रस्ताव है।
इससे चरागाहों के कुछ अंश पर पशुओं के लिए ट्यूबवेल, चरही बनाने, भूसा-चारा आदि रखने के लिए अस्थायी टीन शेड आदि की स्थापना का रास्ता साफ हो जाएगा। चरागाहों के विकास की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को देने की योजना है।

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