script1, 2 और 5 नहीं बल्कि 16 गुना बढ़ा बुलडोजर का बाजार, चार महीने का आंकड़ा जाकर हैरान हो जाएंगे आप | Uttar Pradesh Bulldozer market increased 16 times After CM Yogi Action | Patrika News
लखनऊ

1, 2 और 5 नहीं बल्कि 16 गुना बढ़ा बुलडोजर का बाजार, चार महीने का आंकड़ा जाकर हैरान हो जाएंगे आप

Bulldozer in Uttar Pradesh: देशभर में उत्तर प्रदेश के बुलडोजर की चर्चा हो रही है। इसका सीधा असर बुलडोजर की बाजार पर पड़ा है। प्रदेश में 1,2 और 5 नहीं बल्कि 16 गुना बुलडोजर का बाजार बढ़ गया।

लखनऊMay 15, 2022 / 05:48 pm

Snigdha Singh

Uttar Pradesh Bulldozer market increased 16 times After CM Yogi Action

Uttar Pradesh Bulldozer market increased 16 times After CM Yogi Action

उत्तर प्रदेश में बुलडोजर की एक अलग पहचान बन गई है। अपराधियों से लेकर भूमाफियों में अब बुलडोजर का डर है। गलत काम कर रहे लोग अब बुलडोजर देखकर ही डर जाते है। यही वजह है कि सूबे में बुलडोजर की बिक्री शिखर पर पहुंच गई है। चार साल के अंदर इसकी बिक्री अप्रत्याशित रूप से लगभग 16 गुना बढ़ गई है। अब तक के इतिहास में किसी भी साल इतने बुलडोजर नहीं बिके, जितने 2019, 20, 21 और 2022 के चार महीनों में बिक गए। परिवहन विभाग के वाहन डैशबोर्ड की बिक्री रिपोर्ट के मुताबिक बुलडोजरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चार साल पहले तक इसमें काफी कमी थी। वर्ष 2018 में मात्र 2305 बुलडोजर यूपी में बिके थे।
बुलडोजर दो श्रेणी में आते हैं। पहला- अर्थ मूविंग इक्विपमेंट और दूसरा- एक्सावेटर। इन दोनों ही श्रेणियों ने बिक्री के कीर्तिमान स्थापित कर दिए हैं। पिछले साल यानी वर्ष 2021 में 38,847 बुलडोजर बिके थे। 2020 में भयंकर कोविड संक्रमण के बीच भी 32601 बुलडोजर बिक गए थे जबकि प्री कोविड काल यानी 2019 में 37,137 बुलडोजर बेचे गए थे। प्री कोविड की तुलना में पोस्ट कोविड काल में 1710 बुलडोजर ज्यादा बिक गए। बड़ी संख्या में तेजी के साथ बुल्डोजर की बिक्री हो रही है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान बुलडोजर ने बड़ी भूमिका निभाई। इसी दौरान बुलडोजर चर्चा में आया। मुख्यमंत्री की रैलियों से लेकर शपथ ग्रहण में बुलडोजर मौजूद रहे। यही वजह है कि 2022 में महज जनवरी से अप्रैल के बीच 13428 बुलडोजर बिक गए। सेंट्रल यूपी के एक डीलर के मुताबिक जबसे बुलडोजर को प्रदेश में कानून का प्रतीक बना दिया गया और सीएम योगी आदित्यनाथ को ‘बुलडोजर बाबा’ कहा जाने लगा। चुनाव में भाजपा की जीत के बाद बुलडोजरों पर बैठकर नेताओं के जश्न ने इसकी ब्रांड वैल्यू को कई गुना तक बढ़ा दिया है। बुलडोजर की अप्रत्याशित बिक्री में यह भी एक वजह रही।
बिकरूकांड से चलना शुरू हुआ था बुलडोजर

इन देश में चर्चा का विषय बना बुलडोजर की शुरुआत कानपुर के बिकरूकांड से शुरू हुआ। आठ पुलिस कर्मियों को गोलियों से भूनने के बाद हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की कोठी, कार, ट्रैक्टर, सामान पर दर्जनों बुलडोजर एक साथ टूट पड़े थे। बकहर इतना भयानक था कि महज 12 घंटे में विकास की सल्तनत नेस्तनाबूद हो गई थी। उस दिन से लेकर आज तक अपराधी हो माफिया बुलडोजर कार्यवाही का ब्रह्माशस्त्र बन गया। इसे देखकर अपराधी खुद थाने पहुंच जाते हैं।
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