7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ताजमहल बनाने वाले कारीगर के वंशज ने खोले कई राज

Taj Mahal controversy: ताजमहल को लेकर इन दिनों चर्चाएं तेज हैं। ताज महल को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी जा रही है। पिछले कई दिनों से ताज महल के अंदर मौजूद कमरों के सर्वों की मांग हो रही है। कमरों को लेकर कई लोगों की और से अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इसी बीच खुद को ताजमहल बनाने वाले कारीगरों का वंशल बताने वाले एक व्यक्ति ने कई दावें किए हैं।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Prashant Mishra

May 19, 2022

taj_mahal.jpg

Taj Mahal controversy. वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के बाद ताजमहल के सर्वे को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं। ताजमहल(Taj Mahal) को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इसी बीच आगरा में रहने वाले कुछ लोगों ने अपने आपको ताजमहल(Taj Mahal) बनाने वाले कारीगरों का वंशज बताते हुए ताजमहल को लेकर कई टिप्पणियां की है।

खुद का बताया वंशज

ताजमहल(Taj Mahal) बनाने वाले कारिगरों को खुद को वंशज बताने वाले ताहिरउद्दीन 80 वर्ष के हैं। इनका दावा है कि इनके पुरखों ने ताजमहल(Taj Mahal) की कारीगिरी की थी। एक न्यूज़ चैनल के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने ताजमहल(Taj Mahal) को लेकर कई बातें कहीं हैं। इनके द्वारा बताई जानें वाली बातें हैरान करने वाली हैं। ताहिर उद्दीन ताजमहल के कमरे ताजमहल के कुएं ताजमहल(Taj Mahal) में हिंदू मान्यताओं के चिन्ह सहित तमाम दावे किए हैं। हालांकि, पत्रिका ताहिर उद्दीन द्वारा किए गए दावों की पुष्टि नहीं करता है। ‌

ताहिरउद्दीन के दावे

ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के वंशज ने ताजमहल के 20 कमरों को लेकर या बात कही है कि 20 कमरे ठीक कब्र के नीचे हैं। एएसआई इन कमरों का इस्तेमाल स्टोर रूम के तौर पर करता है। पहले इन कमरों का इस्तेमाल ताजमहल देखने आने वाले दर्शकों के जूते चप्पल रखने के लिए किया जाता था। लेकिन जैसे-जैसे ताजमहल देखने आने वालों लोगों की भीड़ बढ़ती गई इन कमरों का इस्तेमाल बंद कर दिया गया। अभी भी बीच-बीच में एएसआई(ASI) इन कमरों को खोलकर साफ सफाई करता है।

ये भी पढ़े: लखनऊ का लक्ष्मण कनेक्शन, क्या बदलेगा अब राजधानी का भी नाम

ताजमहल के 22 कमरों को कभी नहीं खोला गया

कारीगर के वंशज का दावा है कि ताजमहल में स्थित उन 22 कमरों को कभी नहीं खोला गया। इन्ही कमरों को इन दिनों खोले जाने की मांग हो रह है। वंशज का कहना है कि 1993 में कुछ अंग्रेजों ने इन कमरों को देखा था। ऐसा माना जाता है कि एएसआई कोई खतरा नहीं लेना चाहता, लिहाजा इन कमरों को नहीं खोला जा रहा है।

ये भी पढ़े: ज्ञानवापी सर्वे की सुनवाई से पहले जानिए 12 पेज की रिपोर्ट की खास बातें