
लखनऊ. देश के साथ-साथ सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भी गेहूं से बने आटे की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। पूर देश में अप्रैल महीने में आटे की औसत मासिक कीमत 32.38 रुपए प्रति किलो थी। यह कीमत जनवरी 2010 के बाद से सबसे अधिक मानी जा रही है। भारत में गेंहू की कीमतें अधिक होने के मुख्य कारण उत्पादन और स्टॉक में आई गिरावट है वहीं दूसरी ओर आटें की मांग वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ी है। भारत के राज्यों के खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की तरफ से से केंद्रीय खाद्य वितरण विभाग को बताए गए आकंड़ों के अनुसार देश में मई 7 शनिवार को आटे की कीमत 32.78 रुपए प्रति किलो थी। यह कीमत पिछले वर्ष की अपेक्षा 9.15 रुपये अधिर है।
जानें कहा है सबसे ज्यादा कीमत
पूरे देश से 156 आटा केन्द्रों से जुटाए गए आकंड़ों के अनुसार, बीते शनिवार को देश में आटे की सबसे अधिक कीमत पोर्ट ब्लेयर में थी यहां आटा 59 रुपये प्रति किलो की दर से बिका। वहीं सबसे कम कीमम पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में थी जहां आटा 22 रुपये प्रति किलो की दर से बिका । चार महानगरों की बात करें तो एक किलो आटे की कीमत मुंबई में 49 रुपए, चेन्नई में 34 रुपए, कोलकाता में 29 रुपए और दिल्ली में 27 रुपए थी।
ये है सबसे बड़ा कारण
भारत में कीमत तेजी से बढ़ने के पीछे का सबसे बड़ा कारण रूस-यूक्रेन युद्ध है। यूक्रेन में गेंहू के उत्पादन में कमी आने से वैश्विक स्तर पर कीमतें बढ़ रही है। रूस और यूक्रेन दोनों देश गेंहू के बड़े उत्पादक हैं। दोनों से देशों से गेहूं की आपूर्ति बाधित होने से आटे की कीमते बढ़ रही है। डीजल की बढ़ी कीमतों के चलते भी गेंहू की कीमतें बढ़ी है जिससे आटा महंगा हो रहा है।
उत्पादन में गिरावट
देश में आटे की कीमते उस समय बढ़ रही हैं जब देश में गेंहू के उत्पादन में कमी आई है। पिछले वर्ष 2021-22 गेहूं का उत्पादन का लक्ष्य 110 मिलियन टन रखा गया है। 2020-21 के उत्पादन लक्ष्य 109.59 मिलियन टन से काफी अधिक है। कृषि मंत्रालय की ओर से 16 फरवरी को 2021 -22 का के लिए दूसरा अग्रिम अनुमान 111.32 मिलियन टन अनुमान लगाया गया है। अनुमान है कि तेज धूप के चलते गेंहू के प्रबंध में कमी आ सकता है।
Updated on:
09 May 2022 10:32 am
Published on:
09 May 2022 10:29 am
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