
यमुना एक्सप्रेस वे बना मौत का हाईवे, जानिये हादसों के पीछे का कारण
लखनऊ. सोमवार तड़के यमुना एक्सप्रेस वे (Yamuna expressway ) पर बड़ा हादसा हुआ। इस हादसे में 29 लोगों की जान चली गई जबकि 20 घायल हो गए। यमुना एक्सप्रेस वे पर अक्सर हादसों की खबर सुनने को मिलती है। एक्सप्रेस वे पर मौत फर्राटा भर रही है। हर रोज कोई न कोई हादसे यमुना एक्सप्रेस वे पर होते रहते हैं। कभी ओवरलोडिंग से वाहन पलट जाते हैं, तो कभी ड्राइवर की झपकी हादसे का कारण बनती है। यमुना एक्स्परेस वे 'मौत का हाईवे' बन चुका है। आरटीआई (RTI) की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच साल में 5 हजार से ज्यादा हादसे हुए हैं। वहीं 700 लोगों से ज्यादा की जान जा चुकी है।
क्या है हादसे की वजह
एक्सप्रेस वे पर नियमों की अनदेखी हादसे का मुख्य कारण बनती है। 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेस वे पर 19 सीसीटीवी कैमरे, 25 वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम कैमरे, 30 स्पीड कैमरे मय ऑटोमेटिड नंबर प्लेट रीडर की सुविधाएं हैं। तीनों टोल प्लाजा पर बने कंट्रोल रूम में इस सिस्टम से हर वाहन का रिकार्ड रहता है। कौन सा वाहन किस स्थान पर कितनी गति से गुजरता है, इसकी रिकॉर्डिंग रहती है।
एक्सप्रेस वे पर हादसों का मुख्य कारण है ओवरस्पीडिंग। इस हाईवे पर गाड़ियों की रफ्तार की तय सीमा है। वाहनों की गति पर नगर रखने के लिए हाईवे पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। दोपहिया वाहनों के लिए हेलमेट अनिवार्य है और ओवरस्पीडिंग पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। लेकिन इसके बाद भी लोग इस नियम की अनदेखी करते हैं। यमुना एक्सप्रेस वे सबसे ज्यादा हादसे जेवर टोल प्लाजा के अंतर्गत आने वाले जीरो प्वाइंट से लेकर 57 किमी के क्षेत्र में हुए हैं। इसमें दनकौर, दयानतपुर और फलैदा नौहझील, मांट और सुरीर थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं।
एक्सप्रेस वे पर कुल मौतें
2012- 33
2013- 118
2014- 127
2015- 142
2016- 133
2017- 146
2018- 200 से अधिक
जुर्माने का प्रावधान
ओवरस्पीडिंग वाहनों के लिए 400 से 1000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान।
खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर 1000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान।
नियमों के उल्लंघन पर 500 रुपये के जुर्माने का प्रावधान।
Updated on:
08 Jul 2019 03:18 pm
Published on:
08 Jul 2019 03:17 pm
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