18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

क्या आप भी अपने ऑफिस से परेशान हैं, आजमाएं ये टिप्स

ऑफिस की बड़ी से बड़ी परेशानी को चुटकी बजाते दूर किया जा सकता है। जानिए कैसे-

2 min read
Google source verification

image

Sunil Sharma

Jan 21, 2021

office_tips_in_hindi.jpg

वर्कप्लेस पर कई बार बॉस का व्यवहार काफी रूखा होता है। इसके कारण आप काफी परेशान हो जाते हैं और अच्छी तरह से काम नहीं कर पाते हैं। इससे आपकी प्रोफेशनल जर्नी पर गलत असर पड़ता है। जानते हैं कि वर्कप्लेस पर ऐसे लोगों को किस तरह से डील किया जाए-

एक कप चाय नहीं मिली तो चाय का बिजनेस ही खड़ा कर दिया, कमाने लगे लाखों

खेती से कमाएं लाखों रुपए, अब विदेशियों को दे रहे हैं ट्रेनिंग

क्या पैटर्न दिखता है?
यह बॉस का कुदरती व्यवहार हो सकता है। आप बॉस को ऑब्जर्व करें। पता करें कि क्या वह आपके साथ ही ऐसा कर रहा है या किसी अन्य के साथ भी ऐसा हो रहा है। अगर आपको इसमें कोई पैटर्न नजर आता है तो यह आपके बॉस का नॉर्मल व्यवहार भी हो सकता है। आपको बॉस के व्यवहार के अनुरूप ही काम करना चाहिए।

नियमित फीडबैक लें
आप आगे बढक़र अपने बॉस के पास जाएं और उनसे अपनी परफॉर्मेंस के बारे में फीडबैक लें। किसी भी बॉस के लिए फीडबैक सेशन्स को इग्नोर करना मुश्किल है। इससे न केवल एम्प्लॉई को अपने काम को सुधारने का मौका मिलता है, बल्कि बॉस के साथ नियमित कनेक्शन भी बनता है। यह लंबे समय के लिए एम्प्लॉई के लिए फायदेमंद साबित होता है।

संवाद की लाइन खुली हो
आप यह न सोचें कि टीम में आपकी जरूरत नहीं है, बल्कि यह समझने की कोशिश करें कि बॉस के रूखे व्यवहार के पीछे असली कारण क्या है। आपको संवाद की हर लाइन को खुला रखना चाहिए। आपको अपनी आलोचना के लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों पर ज्यादा फोकस नहीं करना चाहिए।

काम दिखाएं
हो सकता है कि वर्कप्लेस पर आपका बॉस आपके काम को इग्नोर करने की कोशिश करे। पर आपको अपने काम के बारे में स्पष्ट विचार रखने चाहिए। आपको हर काम की टाइमलाइन और अपने रिजल्ट्स के बारे में डॉक्यूमेंट्स तैयार करने चाहिए। आपको काम से पैदा हुए प्रभाव को सही तरह से दर्शाना चाहिए।

अपनी बात कहें
हर कंपनी में एम्प्लॉइज को अपनी बात को कहने के लिए कई तरीके होते हैं, जहां वे अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात कह सकते हैं। आपको फीडबैक मैकेनिज्म का इस्तेमाल करना चाहिए। हेल्प डेस्क, स्किप लेवल मीटिंग्स, एम्प्लॉई सेटिस्फिकेशन सर्वे के माध्यम से अपनी बात को अधिकारियों के सामने रखें।