
भारत सरकार अब वर्क फ्रॉम होम को औपचारिक रूप देने जा रही है। इस वजह से उम्मीद की जा रही है कि सर्विस सेक्टर में महिलाओं के लिए जॉब के ज्यादा मौके बनेंगे। सरकार का फोकस खासतौर पर छोटे शहरों में आने वाले दिनों में महिलाओं के लिए रोजगार के अधिक मौके पैदा करना है। देश के छोटे शहरों में महिलाओं को जॉब उपलब्ध कराने में वर्क फ्रॉम होम बहुत मददगार साबित हो सकता है। इसके साथ ही वैसे रिटायर्ड कर्मचारी जो पार्ट टाइम बेसिस पर काम करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।
लौट रहा आत्मविश्वास
चालू तिमाही में आर्थिक गतिविधियां सामान्य होने की तरफ बढ़ रही हैं। काम छोड़ चुकी महिलाओं में से 90 फीसदी में अब आत्मविश्वस लौट रहा है और उन्हें नौकरी मिल रही है। 7 करोड़ कामकाजी महिलाएं वर्क फोर्स में शामिल हो सकेंगी।
शामिल करने में मिलेगी मदद
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की इस योजना से देश के छोटे और मझोले शहरों में महिलाओं को वर्क फोर्स में शामिल करने में काफी मदद मिल सकती है। कई कंपनियां पहले ही इस तरह के प्रयास शुरू कर चुकी हैं। श्रम मंत्रालय के ड्राफ्ट मॉडल स्टैंडिंग ऑर्डर से यह समझ में आता है। सर्विस सेक्टर के लिए यह प्रस्ताव किया गया है कि कंपनियों को स्थायी रूप से वर्क फ्रॉम होम की इजाजत दी जा सकती है। माना जा रहा है कि बहुत सी आइटी कंपनियां इस नियम के बाद महिलाओं को नियुक्त कर सकती हैं।
आधी महिलाओं की गई जॉब
कोरोना महामारी के संकट की वजह से छोटे-मझोले शहरों में 50त्न महिलाओं की जॉब चली गई है। सिएल एचआर सर्विस के एक सर्वे में यह जानकारी सामने आई है। सिएल सर्विस एक स्टाफिंग और रिक्रूटमेंट फर्म है। इसने सर्वे करने के लिए देशभर की 1000 से अधिक कंपनियों से बातचीत की थी। इनमें से बहुत सी महिलाएं हालांकि अब काम पर लौट चुकी हैं।
Published on:
09 Feb 2021 11:53 am
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