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जन्म से नहीं था एक हाथ, फिर भी JEE Main की क्लियर, IAS बनने का है सपना

एक उद्यमी ने की मदद तो दिखाया खुद का दम

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जयपुर

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Sunil Sharma

May 02, 2019

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रमन ने जेईई मेन्स ओबीसी पीडब्ल्यूसी में 889 रैंक हासिल की। रमन की सफलता की कहानी इसलिए भी खास है कि क्योंकि जन्म से ही उसका दाएं हाथ का पंजा नहीं है। सूरज नगर के सेवनिया गौंड में रहने वाले सुखराम सांकले और अनिता को अपने बेटे की चिंता था कि वह कैसे जीवनयापन करेगा। पिता का मानसिक संतुलन बिगड़ा तो मां ने हिम्मत रखकर बेटे को पढ़ाया।

मॉडल स्कूल के प्राचार्य एके रेनीवाल ने रमन की प्रतिभा को पहचाना एक कार्यक्रम में स्कूल आए उद्योगपति विजय बोरा को रमन के बारे में बताया तो उन्होंने रमन की पूरी पढ़ाई का खर्चा उठाने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली। पढ़ाई के लिए कॉपी-किताबों से लेकर कोचिंग की फीस तक का इंतजाम विजय ने किया। इतना ही नहीं वे अपने खर्च पर रमन के लिए डेढ़ लाख रुपए कीमत का हाथ तक लगवा रहे हैं।

जेईई एडवांस की तैयारी में जुटे रमन को 12 वीं में 80 फीसदी से अधिक अंक आने का भरोसा है, साथ ही यह भी वह ठान चुका है कि आइआइटी में एडमिशन लेकर पढ़ाई पूरी करना है, और इसके बाद भी रुकना नहीं है, आइएएस बनकर ही दिखाना है।