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Motivational Story: देख नहीं सकती फिर भी बनी IAS, ऐसी है प्रांजल की कहानी

Motivational Story: कभी रेलवे एग्जाम में रिजेक्ट होने वाली प्राजंल ने मात्र 28 वर्ष की उम्र में दूसरे ही प्रयास में आईएएस की परीक्षा पास कर साबित कर दिया कि हौंसलों के आगे हर कठिनाई, हर चुनौती हार जाती है।

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जयपुर

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Sunil Sharma

Oct 17, 2019

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Motivational Story of Pranjal Patil in Hindi

Motivational Story: कभी रेलवे एग्जाम में रिजेक्ट होने वाली प्राजंल ने मात्र 28 वर्ष की उम्र में दूसरे ही प्रयास में आईएएस की परीक्षा पास कर साबित कर दिया कि हौंसलों के आगे हर कठिनाई, हर चुनौती हार जाती है। प्राजंल ने मात्र छह वर्ष की उम्र में एक हादसे के कारण अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार सतत प्रयास करती रही और आज उस मुकाम पर पहुंच गई जहां पहुंचने में अच्छे-अच्छों को जोर आ जाती है।

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आंखों की रोशनी जाने के बाद प्रांजल ने ब्रेल लिपी के जरिए पढ़ाई जारी रखी। मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय में पीएचडी भी की। उन्होंने 2016 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 773वीं रैंक हासिल की थी जहां उन्हें भारतीय रेलवे में नौकरी के लिए चुना गया परन्तु रेलवे के नियमों के चलते उनकी दृष्टिहीनता आड़े आ गई और वे जॉब नहीं पा सकी।

पढ़ाई के दौरान उन्हें अपने आस-पास के लोगों से कई ताने सुनने को मिलते थे, कई लोग उनकी आलोचना भी करते थे, पढ़ाई में भी कई प्रकार की दिक्कतें आई परन्तु प्रांजल ने हार न मानते हुए उन सभी कठिनाईयों का सामना किया और अपने चुने हुए लक्ष्य को आखिरकार पा ही लिया।

प्रांजल कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही समाज के लिए कुछ करने का सपना देखती थी, इसीलिए उन्होंने सिविल सर्विस को चुना। इसके लिए उन्होंने लगातार पढ़ाई जारी रखी और अंततः सफलता हासिल कर ली। वह अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता तथा अपने पति को देती है।