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मन के हारे हार है, मन के जीते जीत... कहावत तो आपने सुनी होगी, लेकिन कभी यह जानने की कोशिश की क्या कि मन कैसे हारता है? दरअसल मन उस वक्त निराश होता है, जब उसे अपनी पसंद की चीज हासिल नहीं होती।
उसकी सोच के अनुसार काम नहीं होता। ऐसे में हमें कार्य को बेहतर बनाने के साथ ही मन को भी नए सिरे से स्थिर करने की जरूरत होती है। मन हमारे दिमाग में विचारों की कड़ी है, जो हमारे भीतर बिना रुके लगातार चलते ही रहते हैं। ये विचार इतने अधिक प्रभावी होते हैं कि हमारे हर अच्छे-बुरे फैसले पर गहरा असर डालते हैं।
ये विचार हमारे पूरे व्यक्तित्व पर अधिकार जमा लेते हैं। हम यह बात नहीं समझ पाते कि हमें अपने मन द्वारा नियंत्रित नहीं होना है, बल्कि हमें अपने मन पर नियंत्रण करना है। मन पर काबू करना कोई मुश्किल काम नहीं। मन पर काबू कर आप अपनेआप पर नियंत्रण कर सकते हैं। जानते हैं कुछ तरीके—
व्यर्थ की लालसाओं का त्याग
हमें कई महंगी चीजें हासिल करने और कई विलासी कार्य करने का मन होता है और आत्म नियंत्रण खोने की शुरुआत यहीं से होती है। लालसाओं का त्याग करना ही आत्म-नियंत्रण का पहला कदम है। मन में आने वाले विचारों के आधार पर ही यह सोच लें कि यह आपके लिए उपलब्ध संसाधनों में संभव है अथवा नहीं। कहा भी गया है कि जितनी चादर हो, उतना ही पैर पसारना चाहिए। नहीं तो अंसतोष होता है। इच्छाओं की कोई सीमा नहीं होती है।
बनाएं काम की योजना
यदि आप कोई काम करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं तो उन स्थितियों से आपको दूर रहना होगा, जो आपके लक्ष्य में बाधा बन सकती हैं। इसके लिए आपको योजना बनानी होगी। जैसे यदि आप धूम्रपान छोडऩे का लक्ष्य बना चुके हैं तो आपको अपनी उस मित्र-मंडली से दूर रहना होगा, जो आपको इस लक्ष्य से भटका सकती है। यदि आप उस मित्र-मंडली के पास जाते भी हैं तो आपको योजना बनानी होगी कि किस तरह से आप धूम्रपान से दूर रहेंगे।
आत्म-नियंत्रण का अभ्यास
हर गुजरते दिन के साथ आपका आत्म-नियंत्रण कमजोर होता जाता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप आत्म नियंत्रण का हर दिन अभ्यास करें। दिन की शुरुआत के समय ही आप यह सोच लें कि आपको अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किस तरह का आत्म-नियंत्रण रखना है। यदि आप यह कला सीख लेंगे तो मुश्किल परिस्थितियों में भी आप अपने लक्ष्य के मार्ग से विचलित नहीं होंगे।
एक बार में एक ही लक्ष्य
यह भी जरूरी है कि आप अपनी योजनाओं को टुकड़ों में बांटें जिससे आप एक बार में एक ही लक्ष्य के लिए आत्म-नियंत्रण कर सकें। यदि आपने नए साल में कई काम करने का मन बनाया है तो उन्हें एक-एक कर पूरे करें। एक साथ लेने पर आप खुद पर सौ प्रतिशत आत्म-नियंत्रण नहीं रख पाएंगे और आपका आत्मबल भी कमजोर हो जाएगा।
लीजिए स्वस्थ भोजन
मन को स्थिर करने का रास्ता आपके पेट से होकर भी गुजरता है। आपको पौष्टिक और कम मिर्च-मसाले का भोजन लेना चाहिए। आहार में सब्जियों और फल की मात्रा बढ़ाएंगे, तो शरीर स्वस्थ रहेगा और दिमाग भी चुस्त होगा। इससे मन को अनियंत्रित होने से भी रोका जा सकेगा।
व्यायाम से रहें चुस्त-दुरुस्त
मन को शांत और संयमित बनाने के लिए शरीर का चुस्त होना जरूरी है। शोध बताते हैं कि रोजाना 45 मिनट व्यायाम करने से न केवल शरीर, बल्कि दिल और दिमाग भी चुस्त होते हैं। यदि शरीर चुस्त और ऊर्जा से भरपूर हो तो मन में भी उल्लास और सकारात्मक भाव विकसित होते हैं। इसलिए आत्म-नियंत्रण के लिए व्यायाम का समय जरूर निकालें।
ध्यान लगाना अच्छा विकल्प
भारतीय योग पद्धति में ध्यान का विशेष महत्त्व है। यह क्रिया पूरी तरह से मन को स्थिर करने में अमूल्य योगदान देती है। मन के सभी हिस्सों को स्थिर कर उन पर नियंत्रण करना इस क्रिया से संभव है। यदि आप तनाव का शिकार हैं तो आत्म-नियंत्रण के लिए ध्यान लगाना सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
व्यस्त रहने की करें कोशिश
मन पर काबू करने का एक तरीका यह भी है कि आप मन को खाली न रखें। खाली दिमाग शैतान का घर होगा। ऐसे में मन में नकारात्मक ख्याल भी आ सकते हैं। इसलिए हर वह काम करें, जो आपको पसंद हैं। यह आपकी रुचि का कार्य हो सकता है। पेंटिंग, सिंगिंग, डांसिंग या फिर पसंद की कोई किताब पढऩा। कुछ दिन तक इस तरह की दिनचर्या का अनुसरण करें। आप खुद पर काबू रखना सीख जाएंगे।
Published on:
25 Jan 2019 07:18 pm
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