scriptमहाशिवरात्रि का पर्व… मगर सड़कों पर नहीं दिखे लोग | The festival of Mahashivaratri ... but not seen on the streets | Patrika News
मंडला

महाशिवरात्रि का पर्व… मगर सड़कों पर नहीं दिखे लोग

कड़ाके की सर्दी से बाजार में सन्नाटा

मंडलाFeb 14, 2018 / 02:16 pm

Vikhyaat Mandal

The festival of Mahashivaratri ... but not seen on the streets

The festival of Mahashivaratri … but not seen on the streets


मंडला. रविवार की दोपहर से शुरु हुई बारिश सोमवार की रात तक रुक रुक कर होती रही। सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात को भी मौसम बिगडऩे के बाद जब कल सुबह सूर्य देव आसमान में चमक उठे तो लोगों में बारिश की आशंका दूर होती रही। सुबह लगभग १० बजे कुछ देर के लिए आसमान में बादल घिर कर आए लेकिन फिर धूप तेज होने से शहर का बाजार महाशिवरात्रि के पर्व के कारण गुलजार होने लगा। लोग घरों से निकलकर अपने अपने दैनिक कार्यों के लिए चल पड़े। जिन्हें त्योहारी खरीदी करनी थी वे बाजार की ओर एवं जो मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए तैयारी कर रहे थे। वे मंदिरों की ओर अपने परिवार के साथ चल पड़े। शिवालयों के सामने भंडारा हवन आदि की तैयारी शुरु हो गई और पूरा शहर भगवान भोले नाथ के भजनों से गूंज उठा लेकिन दोपहर को लगभग १ बजते बजते आसमान मेंं काले बादल घिर आए और कुछ ही देर मेे झमाझम बारिश शुरु होने से मानो पूरा शहर थम सा गया। बारिश होने से तापमान में जबर्दस्त गिरावट आई और सर्दी में अचानक बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो गई। ऐसे में बारिश से बचने के लिए जिसे जहां जगह मिली वहीं रुक गया। दुकानों के शेड, निर्माणा धीन भवन, कॉम्प्लेक्स के गलियारों में लोग ही लोग नजर आने लगे। वहीं इसके उलट सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। काले बादलों के तेजी से घिरने के कारण दोपहर दो बजे ही अंधेरा छा गया। लगभग एक घंटे की बारिश ने न केवल पूरे शहर को तरबतर कर दिया, बल्कि बाजार की रौनक छीन ली। लगभग तीन बजे बारिश के थमते ही लोग अपने अपने घरों की ओर वापस लौट चले। लगभग एक घंटे बाद शाम चार बजे कुछ देर के लिए धूप निकलने पर लोगों ने राहत की सांस ली। उनकी राहत देर तक नहीं रह सकी क्योंकि शाम लगभग पांच बजे फिर से तेज बारिश शुरु हो गई।
किसानों का कहना है मावठे की यह बारिश उन खेतों में अमृत का काम कर रही है जहां गेहूं की बुवाई की गई है। लेकिन चना, मटर और दलहनी फसल जैसे अरहर आदि की खेती करने वाले किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई। पुरवा गांव के किसान बलराम कछवाहा, रामकिशोर नंदा, बलवीर पटेल आदि का कहना है कि उनकी दलहनी फसल के लिए यह बारिश बेहद नुकसानदायक है। नदी किनारे कछार में खेती करने वाले किसान अज्जू कछवाहा, जितेंद्र पटेल, राजकुमार पटेल आदि का कहना है कि टमाटर, मटर के लिए यह बारिश बहुत नुकसानदायक है। अचानक बिगड़े मौसम के कारण वे इससे बचने के उपाय ही नहीं कर पाए। गौरतलब है कि रविवार की रात से मौसम के बिगडऩे से किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
यहां पर ओल वृष्टि
जिले के दूरस्थ अंचल मवई विकासखंड के भाई ***** नाला क्षेत्र में कल शाम को ओलवृष्टि होने की जानकारी मिली है। इससे चना, मटर, टमाटर की खड़ी फसलों को नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा
बिछिया, नैनपुर, निवास, नारायणगंज, घुघरी आदि इलाकों में तेज बारिश हुई। इससे किसी तरह के जन हानि नहीं हुई है।

Hindi News/ Mandla / महाशिवरात्रि का पर्व… मगर सड़कों पर नहीं दिखे लोग

ट्रेंडिंग वीडियो