फिर पड़ा पाला, फ सलों पर जमीन पर बर्फ
निंबोद के किसान राजपाल सिंह सिसोदिया, उमेंद्र सिंह सिसोदिया, दशरथ सहित अन्य अफीम किसानों ने बताया कि पहले तो हमारी सभी फसलों पर पाला पड़ा था लेकिन इस बार अफीम की फसल पर भयंकर पाला पड़ गया है और बर्फ जम गई है। जिससे सभी अफीम की फूल तथा डोडा सभी पर बर्फ जम गई और पूरे लटक गए हैं। जिससे अफीम की फसल पूरी तरह खराब हो गई एक मात्र यही फसल बची थी और यही अफीम की फसल पूरी तरह बर्फ से ढक गई है।नारकोटिक्स विभाग को एक बार चीरा लगाने के बाद पूरी औसत देना पड़ती है और पूरी नहीं देने पर ले पर अफीम का पट्टा रद्द हो जाता है।
मगराना में भी हुआ फसलों को नुकसान
मगरना में पाला पडऩे से उसमें अफ ीम, गेंहू, अलसी आदि फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ा है जिसमे भारी नुकसान हुआ है।किसान शांति लाल के कुए पर सोमवार सुबह अफीम पर बर्फ जमी हुई मिली।जिससे अफीम को भारी नुकसान हुआ है तथा गांव वालों का कहना है कि फसलों का सर्वे किया।
लिंबावास सहित आसपास के क्षेत्र में हुआ नुकसान
ग्राम लिम्बावास सहित आसपास के क्षेत्र में शीतलहर से फसलों पर बर्फ की परत जमी हुई दिखाई दी।धनिया, मैथी, राईडा, सरसो, अफीम सहित फसलों पर करीब 50प्रतिशत नुकसान पहुंचा है।किसान विजय, पुष्पेंद्र, विनोद, झुझार सिंह ने बताया कि रविवार की रात्री में ठंड के साथ ठंडी हवा चलने कि वजह से सुबह फसलों पर बर्फ जमने लगी। वही पत्ते मुरझाने लगे। अफीम किसान दरबार ङ्क्षसह, योगेश, कारूलाल ने बताया कि अफीम फ सल में रविवार को रात्री में कडाके की ठंड के साथ बर्फीली हवा चलने की वजह से फसल पर बर्फ जमी गई।फसल तो पूरी तरह से झुक गई। जिन पौधों पर डोडे आने लगे थे वो पूरी तरह से झुक गए।
धमनार क्षेत्र में फसलों में नुकसान
धमनार में शीतलहर के कारण कई फसलो पर बर्फ जम गई। जिससे फसलो को काफी नुकसान हुआ है। किसान नेता बद्रीलाल धाकड़ ने बताया कि पाले की वजह से लगभग 70 से 8 0 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। नुकसानी का आकलन प्रशासन द्वारा तत्काल किया जाए। ताकि किसानों को नुकसानी का लाभ मिल सके। टिडवास के पास बरखेडा डांगी मेंै पाला से फूल वाली फसलों पर खासकर धनिया, चना, सरसों, अफ ीम फसल में नुकसान हुआ है।बोरखेड़, बरखेड़ा डांगी, हिंगोरिया बड़ा सहित कईगांवों में पिछले माह पाला गिराथा। लेकिन वहां अभी तक सर्वेन नहीं हुआ।
लदूसा में भी किसानों को हुआ नुकसान
लदुसा क्षेत्र के किसान बद्रीलाल धाकड़ ने बताया इस बार शीत लहर और पाला पडऩे से सारी फसले नष्ट हो गई। गांव हतुनिया, धमनार, लदुसा, बाबरेचा, झावल सहित कई गावों में गेहूं,चने, अलसी, मेथी, सरसो, इसबगोल, अफीम ,कलौंजी में भारी नुकसान से किसानों की कमर टूट गई। बाजखेड़ी क्षेत्र के डिगांव माली के किसान शांति लाल आंजना ने कहा कि ठंड बहुत होने से अफीम की फसल में डोडो के ऊपर पाला जैसी स्थिति बन गई है।डोडो के अंदर से दूध बाहर आ गया। ठंड ज्यादा होने से अफीम की फसल पर बहुत नुकसान हुआ है। लूनाहेड़ा में शीतलहर से फसलो पर बर्फ जम गईहै। जिससे किसानों के सिर पर चिंता की लकीरे खींच गईहै।
पाले ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया लेकिन सरकार ने अब तक फसल नुकसानी सर्वे के आदेश नही दिए
पिछले 3 दिनों से लगातार चल रही शीतलहर के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार की तरफ से अब तक कोई सहायता देना तो दूर फसल नुकसानी का सर्वे कराने के भी आदेश नहीं दिए गए हैं। यह बात प्रेस विज्ञप्ति में विधायक यशपाल ङ्क्षसह सिसौदिया ने कही।उन्होंने कहा कि सोमवार को प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठक आहूत की गई इसमें भी किसानों की फसल नुकसान को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई।जबकि किसान परेशान हैं उनके पसीने और मेहनत पर पाले ने पानी फेर दिया है। उन्हें सहायता की आवश्यकता है। विधायक यशपाल ङ्क्षसह सिसोदिया ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि तत्काल फसल नुकसान का सर्वे कराने का आदेश प्रसारित करें और किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा प्रदान करें