अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं का असर भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है और भंडार में मौजूद पौंड, स्टर्लिंग, येन जैसी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का इस पर सीधा असर पड़ता है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार ने 13 अप्रैल, 2018 को समाप्त सप्ताह में 426.028 अरब अमरीकी डॉलर का रिकॉर्ड स्तर छुआ था, लेनिक उसके बाद से इसमें उतार-चढ़ाव जारी है। विदेशी मुद्रा विश्लेषकों के मुताबिक, मुद्रा भंडार में गिरावट का मुख्य कारण रुपए की गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार में हस्तक्षेप करना था। समीक्षाधीन सप्ताह में,स्वर्ण आरक्षित भंडार 14.4 करोड़ अमरीकी डॉलर बढ़कर 20.378 अरब डॉलर हो गया, जो 1,445.5 अरब रुपए के बराबर है।
विदेशी निकास अधिकार बढ़ा वहीं सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी कि आईएमएफ के साथ देश का विशेष निकासी अधिकार 28 लाख डॉलर बढ़कर 1.478 अरब डॉलर हो गया, जो 106.2 अरब रुपए के बराबर हो गया है। इसके साथ ही शीर्ष बैंक ने कहा कि आईएमएफ के साथ देश का आरक्षित भंडार भी 49 लाख डॉलर बढ़कर 2.478 अरब डॉलर हो गया, जो 178.0 अरब रुपए के बराबर है