scriptवैश्विक मंदी की चपेट में आया मेंथा ऑयल, कीमतों में 30 फीसदी की गिरावट | Mentha oil in the grip of global recession, prices fall by 30 percent | Patrika News
कारोबार

वैश्विक मंदी की चपेट में आया मेंथा ऑयल, कीमतों में 30 फीसदी की गिरावट

इस साल मेंथा के उत्पादन में तकरीबन 10 फीसदी का इजाफा
इस साल देश में मेंथा तेल का उत्पादन तकरीबन 50,000 टन
कुल उत्पादन का करीब 75 फीसदी मेंथा तेल भारत करता है निर्यात

Oct 22, 2019 / 07:39 am

Saurabh Sharma

7e137cdbe75fa1decf3f4e79be35d07d.jpg

नई दिल्ली। वैश्विक मंदी के कारण प्राकृतिक मेंथा तेल की मांग कमजोर रहने के कारण भारत के मेंथा उत्पादक किसानों को इस बार उम्मीदों के मुताबिक फसलों का दाम नहीं मिल पा रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल मेंथा तेल के भाव में तकरीबन 30 फीसदी गिरावट आई है। पिछले साल मेंथा तेल का भाव अच्छा मिलने से उत्पाहित किसानों ने इस साल मेंथा की खेती में काफी दिलचस्पी दिखाई, जिससे उत्पादन में तकरीबन 10 फीसदी का इजाफा हुआ, लेकिन औद्योगिक मांग कमजोर होने के कारण कीमतों पर लगातार दबाव बना हुआ है।

यह भी पढ़ेंः- इन पांच कंपनियों से सरकार बेचेगी अपनी हिस्सेदारी, बीपीसीएल और कॉनकोर जैसी कंपनियों के नाम शामिल

भारत दुनिया में प्राकृतिक मेंथा तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है और दुनिया के कुल उत्पादन में भारत का तकरीबन 80 फीसदी योगदान है। खास बात यह है कि देश के कुल उत्पादन का करीब 75 फीसदी मेंथा तेल भारत निर्यात करता है। उत्तर प्रदेश के मेंथा तेल कारोबारी अरविंद अरोड़ा ने बताया कि इस साल देश में मेंथा तेल का उत्पादन तकरीबन 50,000 टन है, जो पिछले साल के मुकाबले करीब 10 फीसदी ज्यादा है। देश में सबसे ज्यादा मेंथा तेल का उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है, इसके बाद मध्यप्रदेश में भी अब मेंथा की खेती होने लगी है।

यह भी पढ़ेंः- करीब एक सप्ताह के बाद पेट्रोल के दाम में कटौती, डीजल भी हुआ सस्ता

उत्तर प्रदेश में बदायूं, बाराबंकी, चंदौसी और संभल प्राकृतिक मेंथा तेल का प्रमुख उत्पादक बाजार है। चंदौसी के कारोबारी आशुतोष रस्तोगी ने बताया कि पिछले साल मेंथा तेल का भाव जहां 1,800-1,900 रुपये प्रति किलो तक चला गया था वहां इस समय 1,240-45 रुपये प्रति किलो है।

यह भी पढ़ेंः- कश्मीर पर पाकिस्तान की तरफदारी करने पर भारत ने बढ़ाई पाम तेल पर मलेशिया की परेशानी

रस्तोगी ने बताया कि कृत्रिम मेंथा तेल का इस्तेमाल बढऩे से भी प्राकृतिक मेंथा तेल के दाम में गिरावट आई है। एक अन्य कारोबारी आलोक जैन ने बताया कि मध्यप्रदेश में अगले महीने मेंथा की नई फसल आने वाली है जिससे सप्लाई और बढ़ जाने से कीमतों पर दबाव रहेगा।

यह भी पढ़ेंः- 58 नहीं 60 साल की उम्र में दी जाएगी पेंशन, सरकार उठाने जा रही है बड़ा कदम

देश के सबसे बड़े कमोडिटी वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर बीते शुक्रवार को मेंथा तेल का अक्टूबर वायदा अनुबंध 1,204 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ जबकि पिछले साल 31 अक्टूबर को मेंथा तेल का वायदा भाव 1,846 रुपये प्रति किलो था। इस साल नौ जुलाई को मेंथा तेल का भाव एमसीएक्स पर 1,176 रुपये प्रति किलो तक लुढ़क गया।

यह भी पढ़ेंः- 2024 में ग्लोबल जीडीपी में अमरीका से ज्यादा रहेगी भारत की हिस्सेदारी

केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि वैश्विक मंदी के कारण मेंथा तेल की औद्योगिक मांग कमजोर बताई जा रही है, जबकि सप्लाई काफी ज्यादा है, जिससे मेंथा तेल उत्पादकों को उनके उत्पादों अच्छा भाव नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि दो साल पहले जर्मनी केमिकल कंपनी बास्फ की एरोमा प्लांट में आग लगने के बाद कृत्रिम मेंथा उत्पाद की सप्लाई प्रभावित होने से भारत से प्राकृतिक मेंथा तेल की मांग में जोरदार इजाफा हुआ था और घरेलू उत्पादकों को उनके उत्पादों की काफी ऊंची कीमत मिली थी।

Home / Business / वैश्विक मंदी की चपेट में आया मेंथा ऑयल, कीमतों में 30 फीसदी की गिरावट

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो