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53,125 करोड़ रुपए के Rights Issue करेगी Reliance, 20 मई से शुरू होगा Subscription

सार्वजनिक रूप से पैसा जुटाने की तैयारी में रिलायंस 29 साल बाद जारी करेगी राइट्स इश्यू 20 मई को खुलेगा सब्सक्रिप्शन 53125 करोड़ होगी कीमत

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RELIANCE IND LTD

RELIANCE IND LTD

नई दिल्ली: कोरोना के चलते देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन भी कर्ज में डूब गए हैं। जी हां मुकेश अंबानी ( MUKESH AMBANI )की रिलायंस इंडस्ट्रीज ( RELIANCE INDUSTRIES LTD ) के ऊपर कर्ज का बोझ काफी बढ़ गया है जिसकी वजह से कंपनी ने राइट्स इश्यू ( Rights Issue ) करने के बारे में जानकारी दी थी । अब खबर है कि कंपनी ने शेयर मार्केट ( SHARE MARKET ) को कंपनी के राइट्स इश्यू के बारे में डीटेल जानकारी सौंप दी है। जिसके मुताबिक आने वाली 20 मई को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ( RIL ) 53125 करोड़ के राइट्स सब्सक्रिप्शन ( SUBSCRIPTION ) के लिए खोलेगी । 3 जून को इन शेयर्स की क्लोजिंग भी हो जाएगी । कंपनी ने 30 अप्रैल को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में राइट्स इश्यू ( RIGHTS ISSUE PERMISSION ) के जरिए धन जुटाने की घोषणा की थी।

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1257 रुपए में मिलेगा एक शेयर- राइट्स इश्यू में पेश होने वाले एक शेयर की कीमत ( RIL SHARE PRICE ) 1257 रुपए है। इश्यू में शेयर का अनुपात 1:15 रखा गया है। 14 मई रिकॉर्ड डेट पर जिस शेयरहोल्डर के पास 15 शेयर होंगे, उसे 1 शेयर खरीदने का अधिकार होगा। शेयर खरीदने के लिए 25 फीसदी राशि आवेदन के समय और बकाया राशि बाद में देनी होगी।

29 साल बाद जुटाएगी पब्लिकली पैसा- कर्ज से मुक्ति पाने के लिए कंपनी हरसंभव प्रयास कर रही है। अप्रैल में ही कंपनी ने नॉन-कन्वर्टेबल डिबेंचर (एनसीडी) के जरिए 25 हजार करोड़ रुपए जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अब 29 साल बाद सार्वजनिक रूप से धन जुटाने के लिए कंपनी एक बार फिर से राइट इश्यू सहारा लेने की योजना बना रही है। आपको बता दें कि 1991 में रिलायंस ( RELIANCE ) ने डिबेंचर्स के जरिए धन जुटाया था। बाद में इन डिबेंचर्स को 55 रुपए की दर से इक्विटी शेयर में बदल दिया था।

क्या होते हैं राइट्स शेयर- शेयर मार्केट में रजिस्टर्ड कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए राइट्स इश्यू जारी करती हैं। इसके जरिए कंपनियां अपने शेयरधारकों को ही अतिरिक्त शेयर खरीदने को मंजूरी देती हैं। शेयरधारक कंपनी की ओर से बताए गए टाइम पीरियड में ही राइट्स इश्यू के जरिए शेयर खरीद सकते हैं। इन शेयर्स की खास बात ये है कि ये कंपनी के मालिकाना हक पर कोई असर नहीं डालते हैं।