जानकारी के अनुसार जब प्रत्यक्षदर्शियों से इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मथुरा से व्यापारी को निजी वाहन में सेल्स टैक्स आगरा के असिस्टेंट कमिश्नर मोबाइल सचल दल सप्तम अजय कुमार व शैलेंद्र कुमार निजी वाहन से बिना किसी लिखा पढ़ी के सेल टैक्स आगरा ऑफिस लाएं। वहां पर इंट्रोगेशन के नाम पर उनको धमकाया गया और नियमों का हवाला देते हुए व्यापारी से उसके 43 लाख रुपये अजय कुमार व शैलेन्द्र कुमार द्वारा छीन लिए गए। इस पूरे मामले में उनके वरिष्ठ अधिकारी डीएन सिंह व अभिषेक श्रीवास्तव भी शामिल थे। जिनको उनका हिस्सा पहुंचा कर मामले को रफा-दफा करा दिया गया था।
शिकायत के बाद नहीं हुई थी कार्रवाई बता दें कि मामले की शिकायत पुलिस से करने के बाद किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोप है कि इस पूरी इंट्रोगेशन की कोई कागजी कार्रवाई नहीं हुई और ना ही किसी सरकारी कागज में दर्ज किया गया। आरोप है कि ऐसा ना करने का आदेश अफसर शैलेंद्र के कहने पर हुआ था। वहीं इस मामले की शिकायत होने पर इन दोनों अधिकारियों की डीएन सिंह एडिशनल कमिश्नर ग्रेड 2 एसआईबी व अभिषेक श्रीवास्तव ज्वाइंट कमिश्नर एसआईबी आगरा से अच्छे संबंध होने पर कार्रवाई नही हुई।
इन अफसरों पर हुई कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास मामला पहुंचने पर चारों अधिकारियों को आड़े हाथ लिया गया और इनको निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। इस जांच के दौरान ऐसे तमाम अधिकारियों के नाम भी सामने आए, जिनकी सरपरस्ती में ऐसे भ्रष्ट अधिकारी इस तरीके की वारदातों को अंजाम देते आए हैं।सीएम के आदेश पर सेल्स टैक्स के जॉइंट कमिश्नर, एसआईबी अभिषेक श्रीवास्तव, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड 2, एसआईबी डीएन सिंह, अजय कुमार असिस्टेंट कमिश्नर, मोबाइल सचल दल सप्तम, आगरा और शैलेन्द्र कुमार, सीटीओ मोबाइल सचल दल- 7, आगरा को सस्पेंड कर दिया।