प्रियाकान्तजू मंदिर पर आरती पश्चात देवकीनंदन महाराज से मिलने आये शिष्यों ने कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम केसरी द्वारा हाल ही में दिये गये एक बयान पर आक्रोश व्यक्त किया। देवकीनंदन महाराज ने कहा कि Hindu सभी धर्मों और विचारों का सम्मान करते हैं । सनातन धर्म विश्व में सबसे अधिक शांतिकारी धर्म है। दूसरे धर्मां से प्रभावित कुछ लोग अपनी राजनीति के लिये हिन्दुओं को उकसाने का कार्य कर रहे हैं । इन्हें अपने नाम बदकर किसी अन्य धर्म को ग्रहण कर लेना चाहिये ।
देवकीनंदन महाराज ने कहा कि पाकिस्तान जैसा देश इतने वर्षों से हमारे देश में आतंक और हिंसा फैलाता आ रहा है फिर भी हिंदु समाज उसके सुधरने की उम्मीद करता है, क्या ये हिंसा है ? 1971 के युद्ध में बंधक 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को बिना नुकसान पहुंचाये वापस भेजना क्या अहिंसा नहीं थी? राममंदिर पर Hindu बजाय हिंसा के न्यायालय के फैसले पर भरोसा करके बैठे हैं, क्या यह अहिंसा नहीं है? उन्होंने कहा कि सनातन धर्म शुरू से ही पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है और शांति की कामना करता है। अगर इन शांति प्रयासों को कोई कमजोरी मानकर अत्याचार करता है तो Hindu उसका करारा जवाब भी देना जानते हैं।