35 किलोमीटर की बढ़ गई दूरी पेंशनर रंजीत, शिवशंकर, दिनेश प्रताप आदि बताते हैं कि अब उन्हे 35 से 50 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी होगी। इसके लिए उन्हे सबसे पहले बस स्टैण्ड जाना होगा। वहां से वाहन कर मऊ जाना पड़ेगा फिर आटो लेकर जिला मुख्यालय जाना पड़ेगा। जिससे उन्हे इस उम्र में समस्या होगी। पेंशनर्स कहते हैं कि सरकार ने ये कदम उठाकर साबित किया है कि ये दूरदर्शी कदम नहीं है।
एक बार जाने में 100 रूपये से अधिक खर्च दिन भर का समय भी पेंशनर्स कहते हैं कइ तहसील से जिला मुख्यालय पर कार्यालय को शिफ्ट किये जाने से उनके एक बार जाने का खर्च 100 रूपये से अधिक होगा। साथ ही दिन भर का नुकसान कर हम वहां का आना जाना कर पाएंगे। ऐसे में सरकार को चाहिए को पुराने कार्यालय पर ही हमें सुविधा बहाल कर दी जाए। हालांकि स्थानीय विधायक ने इस संबन्ध में कहा है कि मामला उनकी जानकारी में है। विधायक की मानें तो इसे लेकर जिलाधिकारी से उनकी बात हो चुकी है। डीएम ने कार्यालय को आने वाले दिनों में पुरानी जगह पर शिफ्ट करने का आश्वासन दिया है।