scriptबाल दिवस पर भोजन को तरसे यहां के बच्चे… | Mdm not given in masu on childrens day | Patrika News
मऊ

बाल दिवस पर भोजन को तरसे यहां के बच्चे…

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा, कराएंगे जांच

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मऊ. जब पूरे देश के बच्चे उत्साह के साथ स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन मना रहे थे। जनपद में ऐसे विद्यालय भी थे, जहां के बच्चे भोजन को तरस गये। यहां बात किसी निजी विद्यालय की नहीं, बल्कि परिषदीय विद्यालयों की की जा रही है। बाल दिवस के दिन चाचा नेहरू के जन्मदिन पर अच्छी मिठाई एवं पकवान खाने की लालसा मन में पाले कल के भविष्य विद्यालयों में पहुंचे तो, लेकिन विद्यालय में छुट्टी की घंटी बजते ही सभी उमंगें मानों समाप्त सी हो गयीं। जी हां, यही हुआ परिषदीय विद्यालयों में।
शहर के परिषदीय विद्यालयों में बाल दिवस को मिड-डे-मील का भोजन पहुंचा ही नहीं। जानकारी के अनुसार भोजन की आपूर्ति करने वाली संस्था ने भोजन बनवाया ही नहीं। जिससे शहर के परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को खाली पेट ही घर लौटना पड़ा। नगर के 66 स्कूलों में भोजन नहीं परोसा गया। मुंशीपुरा प्राथमिक, मुंशीपुरा जूनियर हाई स्कूल, मुंशीपुरा कन्या पाठशाला, कन्या जूनियर हाईस्कूल, प्राथमिक स्कूल सहादतपुरा, इमिलिया स्थित प्राथमिक एवं जूनियर हाईस्कूल सहित कुल पांच दर्जन से अधिक विद्यालयों में मिड-डे-मील नहीं पहुंचा। इससे इन स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे एक हजार से अधिक बच्चों को खाली पेट ही घर जाना पड़ा। बाल दिवस के अवसर पर बच्चे रंग-बिरंगे परिधानों में सज-धजकर स्कूल पहुंचे थे और बच्चों ने चाचा नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही उनका स्मरण कर विद्यालयों में स्टॉल भी लगाये थे। कई स्कूलों के बच्चे 12 बजे से पहले ही अपने स्टॉल बंद कर दिये, वहीं कइयों ने अपनी दुकान शाम तक सजाये रखी। स्कूल में भोजन न बंटने पर मुगलपुरा स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा कि राष्ट्रीय पर्व पर भोजन नहीं वितरित किया जाता है। उधर नगर में मध्याह्न भोजन वितरित करने वाली संस्था के मैनेजर अंसार अहमद कहते हैं कि बाल दिवस पर बच्चे भोजन नहीं करते हैं। वे खुद समोसा से लेकर तरह-तरह के व्यंजन बनाकर स्कूल में स्टाल लगाते हैं। पिछले साल स्कूलों में भोजन भेजा गया था लेकिन बच्चे खाए ही नहीं। सारा भोजन बेकार गया। इसलिए इस बार भोजन नहीं बनाया गया।
होगी जांच
इस संबंध में जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि स्कूल खुलने पर मिड-डे-मील परोसी ही जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि शहर में किस वजह से भोजन नहीं परोसा गया, इसकी जांच करायी जा रही है।
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