यह भी पढ़ें-
रायबरेली में आकाशीय बिजली गिरने से मां-बेटे-बेटी की मौत दरअसल, मामला मेरठ के रोहटा थाना क्षेत्र का है। जहां के रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उसकी 13 वर्षीय बेटी 2019 में प्रेमी के साथ भाग गई थी। उन्होंने बेटी को काफी तलाशा, लेकिन जब वह नहीं मिली तो थाने में बेटी के अपहरण का मुकदमा भी दर्ज कराया था। दो साल तक पुलिस दोनों को ढूंढ नहीं पाई। महिला आयोग से शिकायत के बाद आईजी मेरठ रेंज प्रवीण कुमार ने मामले की जांच एसपी हापुड़ को सौंपी थी। एसपी हापुड़ ने एसआईटी गठित की, जिसमें सीओ पिलखुवा तेजवीर सिंह, इंस्पेक्टर नरेश और सर्विलांस प्रभारी जयपाल सिंह शामिल थे। पुलिस ने प्रेमी युगल को बरामद कर कोर्ट में पेश किया। लड़की अब डेढ़ साल के बच्चे की मां है।
एडीजी-5 की अदालत में सुनवाई के दौरान लड़की के पिता भी मौजूद थे। पिता ने बताया कि जब उनकी बेटी भागी थी तो वह 13 साल की नाबालिग थी। जबकि लड़की ने खुद को बालिग बताते हुए 20 साल की उम्र बताई। कोर्ट में पिता ने बेटी की कक्षा पांच की टीसी भी पेश की, जिसके मुताबिक, अब उसकी उम्र 15 साल है। वहीं, लड़की का दावा है कि पिता द्वारा पेश की गई टीसी फर्जी है। वह 20 साल की ही है और बालिग है। इस तरह लड़की की उम्र को लेकर पेंच फंस गया है। अदालत ने पुलिस को टीसी का सत्यापन करने के आदेश दिए हैं। अब इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। वहीं, कोर्ट के बाहर लड़की के पिता ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वह अपनी जान दे देंगे।