बता दे कि यह पहला मौका है, जब किसी के खून के सैंपल को भेजने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस का लक्ष्य रहेगा कि सैंपल सही समय पर गुरुग्राम तक पहुंच जाए। डाॅ. संदीप गर्ग ने बताया कि न्यूटिमा हॉस्पिटल में एक मरीज की किडनी ट्रांसप्लांट होनी है। इसके लिए मरीज और डोनर के खून की जांच होनी है। उन्होंने इसके लिए ट्रैफिक विभाग से संपर्क साधा और बताया कि दो घंटे में सैंपल का गुरुग्राम स्थित लैब में पहुंचना जरूरी है। एंबुलेंस को सोमवार सुबह पांच बजे भेजा जाना है। इसलिए ग्रीन कॉरिडोर की आवश्यकता है। इस पर एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव ने अपनी सहमति दी और इसके लिए व्यवस्था करने की तैयारी शुरू कर दी। एसपी ट्रैफिक ने गाजियाबाद भी फोन पर वहां के ट्रैफिक अधिकारियों से बात की। एंबुलेंस को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से होते हुए गुरुग्राम तक पहुंचाया जाएगा।
यह भी पढ़ें- यूपी स्वास्थ्य विभाग का नया आदेश, 10 वर्षों से अधिक समय से जमे पदाधिकारियों को हटाया जायेगा एसपी ट्रैफिक ने बताया कि एंबुलेंस को मेरठ से निकालने के लिए 40 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। इसके चलते सुबह पांच बजे ही ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है। साथ ही थाना पुलिस से भी संपर्क में रहने के लिए कहा गया है। उन्होंंने बताया कि गाजियाबाद पुलिस ने भी पूरा सहयोग करने की बात कही है। गौरतलब है कि इसके पहले भी कई मामलों में देश में ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं। इसके लिए मुख्य लक्ष्य यह रहता है कि मरीज तक समय से सुविधा को पहुंचा दिया जाए। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस की भी भूमिका अहम हो जाती है।