शहर की सड़कों पर भी अब एबुलेंस ( ambulance )की आवाज का शोर नहीं है और अस्पतालों के बाहर से स्ट्रेचर गायब हो चुके हैं। इस समय जिले में कोरोना के केस जो मिल रहे हैं वो दहाई तक ही सिमट चुके हैं जिसके चलते अब कोविड हॉस्पिटल ( covid hospital ) खाली होने लगे हैं। मेडिकल कालेज में ही कुछ कोरोना मरीज भर्ती हैं लेकिन वहां भी अधिकांश बेड खाली पड़े हुए हैं। कोरोना के नए केस में अधिकांश मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में चल रहा है लेकिन इनकी संख्या भी काफी कम है।
कोरोना (
Corona virus ) की दूसरी लहर में अप्रैल और 15 मई तक सबसे ज्यादा नए केस आए हैं। एक दिन में मेरठ में 2200 केस तक आए। एक समय तो सक्रिय केसों की संख्या 20 हजार से ऊपर तक पहुंच गई थी। कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए कोविड हॉस्पिटल में बेड उपलब्ध नहीं थे। निजी कोविड हॉस्पिटल की संख्या भी बढ़ा दी गई थी। मेडिकल कॉलेज में दो नए कोविड वार्ड और जिला अस्पताल में भी कोविड वार्ड शुरू करना पडा था। मगर अब जून में कोरोना के केस लगातार कम हो रहे हैं। जिला अस्पताल का वार्ड खाली हो गया है। मेडिकल का भी 100 बेड का कोविड वार्ड खाली हो गया हैं। एक दूसरे वार्ड के कोविड हास्पिटल में 19 मरीज ही भर्ती हैं। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉक्टर ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि अब सक्रिय केसों की संख्या कम है। दिनों दिन सक्रिय केस की संंख्या में लगातार कमी आती जा रही है। नए केस में अधिकांश मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में चल रहा है।