कोरोना अपडेट : दिव्यांग पति, मानसिक बीमार बेटे की मौत, बंद कमरे में चार दिन तक चीखती रही दिव्यांग पत्नी
मेरठ में मेडिकल स्टोर में इन मल्टी विटामिन दवाइयों की खरीद बहुत तेजी से बढ़ी है लेकिन बगैर चिकित्सकक की सलाह के मल्टी विटामिंस की ये डोज क्या सेहत के लिए ठीक है ? इस सवाल का सीधा जवाब यह है कि मल्टी विटामिंस की ओवरडोज सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। वैसे भी सेहत का कोई शार्टकट नहीं होता। मगर कोरोना से बचाव के लिए अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्राकृतिक जीवनशैली से दूर हुए लोग मल्टी विटामिंस में रोग प्रतिरोधक क्षमता तलाश रहे हैं। कुछ डॉक्टर भी मरीज को जरूरत हो या न हो उसे खूब मल्टी विटामिन खिला रहे हैं। इससे मेरठ के बाजार में करीब 30 लाख मल्टी विटामिंस की डोज पिछले 15 दिन खप गई हैं। यह कुल दवा कारोबार का करीब 20 फीसद है। डॉक्टर प्रवीण पुंडीर की मानें तो मल्टी विटामिंस की ओवरडोज सेहत को नुकसान पहुंचा रही है।फिजीशियन डॉक्टर प्रवीण पुंडीर के अनुसार दवा हो या विटामिंस, मरीज की स्थिति देखकर डोज तय होती है। विटामिन-ए की अधिकता से सिर दर्द, आंखों की देखने की क्षमता में कमी, त्वचा में बदलाव व कोशिकाओं को क्षति पहुंच सकती है। विटामिन-डी या बी-3 के ज्यादा सेवन से पथरी, दिल की बीमारी, प्यास ज्यादा लगना, कानों में झन्न की आवाज आना, किडनी डैमेज या फेल भी हो सकती है, बीपी भी बढ़ जाता है। विटामिन-ई की अधिकता से महिलाओं में स्तन कैंसर हो सकता है।