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मेरठ

Diwali 2019: 27 अक्‍टूबर को है दीपावली, ऐसे करेंगे लक्ष्‍मी पूजा तो होगा धनलाभ

Highlights

अश्विन मास की कृष्‍ण पक्ष की अमावस्‍या को मनाई जाती है Diwali
Laxmi Puja का शुभ समय 27 अक्‍टूबर को शाम 7 बजे से रात 8.36 बजे तक है
प्रदोष काल का समय शाम 6 बजे से रात 8.36 बजे तक है

मेरठOct 16, 2019 / 02:22 pm

sharad asthana

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मेरठ। दिवाली (Diwali) का पर्व अश्विन मास की कृष्‍ण पक्ष की अमावस्‍या को मनाया जाता है। इस बार दिवाली का त्‍यौहार 27 अक्‍टूबर 2019 (रविवार) को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान राम अयोध्‍या वापस आए थे। धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार, इस मौके पर अयोध्‍या को रोशनी से नहला दिया गया था। शिवनेत्र अस्‍ट्रोलॉजी के सुकुल प्रसाद का कहना है क‍ि दिवाली पर लक्ष्‍मी पूजा (Laxmi Puja) का शुभ समय 27 अक्‍टूबर को शाम 7 बजे से रात 8.36 बजे तक है। प्रदोष काल का समय शाम 6 बजे से रात 8.36 बजे तक है।
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ऐसे करें पूजा

– दिवाली वाले दिन दोपहर को हनुमान जी की आराधना करें। उनकों दोपहर में 1.08 बजे से 3.15 बजे तक भोग चढ़ाने का सर्वोत्‍तम समय है।

– दिवाली के दिन गणेश, लक्ष्‍मी और कुबेर की मूर्तियां खरीदें। साथ ही श्रीयंत्र और एक बड़ा दिया भी लें।
– शाम को सज्ञफ चौकी बिछाएं और उस पर गंगा जल से छिड़काव करें।
– उस पर गणेश, लक्ष्‍मी और कुबेर की मूर्ति को स्‍थापित करें। साथ ही श्रीयंत्र को भी स्‍थापित करें।

– लक्ष्‍मी जी की मूर्ति को बाईं तरफ और गणेश जी को दाईं तरफ बैठाएं। कुबेर को थोड़ा आगे बाईं तरफ स्‍थापित करें।
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– पूजास्‍थल पर जल से भरा तांबे या स्‍टील का पात्र भी रख सकते हैं।

– कलश पर रोली से सतिया बनाएं। साथ ही कलावा बांधें और 5 गांठ लगाएं।

– आम के पत्‍ते बांधें और कलावा बांधकर नारियल स्‍थापित करें।
– एक थाली में आटे में नवग्रह बनाएं और मंत्र से पूजन करें।

– घर में आम के पत्‍तों की बंदरवार बनाएं।

– पूजा स्‍थल पर पांच मेवे और मिठाई रखें।

– चांदी का सिक्‍का आटे से पान पर चिपकाएं।
– इसके अलावा खील, बताशे, कमल के दो फूल लक्ष्‍मी और गणेश जी के सामने रखें।

– लक्ष्‍मी जी के आगे तेल से भरा दीपक जलाएं। ध्‍यान रहें कि दीपक रात भर जलना चाहिए। साथ ही पांच छोटे दीपक जलाएं। इसमें से एक किचन में, एक टंकी के पास, दो घर के बाहर चौखट पर और एक पूजा में रखें।
– लक्ष्‍मी और गणेश जी की पूजा करने के बाद कुबेर भगवान की पूजा करें।

– मां लक्ष्‍मी और भगवान विष्‍णु के लिए वस्‍त्र और खाना निकालें। उस पर दक्षिणा रखकर गरीब को दान करें।
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