ऐसे करें पूजा – दिवाली वाले दिन दोपहर को हनुमान जी की आराधना करें। उनकों दोपहर में 1.08 बजे से 3.15 बजे तक भोग चढ़ाने का सर्वोत्तम समय है। – दिवाली के दिन गणेश, लक्ष्मी और कुबेर की मूर्तियां खरीदें। साथ ही श्रीयंत्र और एक बड़ा दिया भी लें।
– शाम को सज्ञफ चौकी बिछाएं और उस पर गंगा जल से छिड़काव करें।
– उस पर गणेश, लक्ष्मी और कुबेर की मूर्ति को स्थापित करें। साथ ही श्रीयंत्र को भी स्थापित करें। – लक्ष्मी जी की मूर्ति को बाईं तरफ और गणेश जी को दाईं तरफ बैठाएं। कुबेर को थोड़ा आगे बाईं तरफ स्थापित करें।
– पूजास्थल पर जल से भरा तांबे या स्टील का पात्र भी रख सकते हैं। – कलश पर रोली से सतिया बनाएं। साथ ही कलावा बांधें और 5 गांठ लगाएं। – आम के पत्ते बांधें और कलावा बांधकर नारियल स्थापित करें।
– एक थाली में आटे में नवग्रह बनाएं और मंत्र से पूजन करें। – घर में आम के पत्तों की बंदरवार बनाएं। – पूजा स्थल पर पांच मेवे और मिठाई रखें। – चांदी का सिक्का आटे से पान पर चिपकाएं।
– इसके अलावा खील, बताशे, कमल के दो फूल लक्ष्मी और गणेश जी के सामने रखें। – लक्ष्मी जी के आगे तेल से भरा दीपक जलाएं। ध्यान रहें कि दीपक रात भर जलना चाहिए। साथ ही पांच छोटे दीपक जलाएं। इसमें से एक किचन में, एक टंकी के पास, दो घर के बाहर चौखट पर और एक पूजा में रखें।
– लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने के बाद कुबेर भगवान की पूजा करें। – मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु के लिए वस्त्र और खाना निकालें। उस पर दक्षिणा रखकर गरीब को दान करें।