गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश केंद्र के इलेक्ट्रिसिटी (राइट्स ऑफ कंज्यूमर्स) रूल्स, 2020 के तहत सभी स्तरों पर सीजीआरएफ बनाने के लिए कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य है। प्रस्तावित सीजीआरएफ व्यवस्था से बिजली उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति में बाधा, वोल्टेज की समस्या, मीटर में गड़बड़ी, मीटर बदलना, चार्जेज/भुगतान (बिलिंग की समस्या), कनेक्शन काटने या जोड़ने, और कनेक्शन लोड घटाने या बढ़ाने जैसी तमाम शिकायतों को सुनने और इन्हें दूर करने की व्यवस्था विकेंद्रीकृत हो जाएगी। यह जानकारी पीवीवीएनल के एमडी अरविंद मलप्पा ने दी।
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यूपी में घरों में अब लगेंगे 4-जी तकनीक वाले स्मार्ट मीटर उन्होंने बताया कि ड्राफ्ट रेगुलेशन के अनुसार, बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतें निपटाने के लिए सभी स्तरों (सब-डिवीजन, डिवीजन, सर्किल, जोन और डिस्कॉम या बिजली वितरण कंपनी) पर एक-एक फोरम बनाया जाएगा। इस फोरम का अध्यक्ष बिजली वितरण कंपनी का कार्यकारी अधिकारी होगा। इसमें उपभोक्ताओं को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा। इस फोरम में प्रोज्यूमर्स के प्रतिनिधियों को भी जगह मिलेगी। ग्रिड कनेक्टेड सोलर सिस्टम लगाने वाले उपभोक्ताओं को प्रोज्यूमर्स कहा जाता है, वे बिजली की खपत भी करते हैं और सौर ऊर्जा के जरिए बिजली का उत्पादन भी। नए सीजीआरएफ के ड्रॉफ्ट रेगुलेशन पर वर्चुअल सुनवाई के दौरान विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों ने कई अहम सुझाव दिए हैं।
उन्होंने बताया कि यूपीईआरसी ड्राफ्ट रेगुलेशन पर सुनवाई के दौरान आए सुझावों को स्वीकार करने के बाद प्रदेश बिजली उपभोक्ताओं की शिकायत निवारण की नई व्यवस्था बनाने के मामले में दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बन जाएगा।