रोहित कुमार पुत्र धर्मपाल सिंह सेना की जाट रेजीमेंट में बरेली में तैनात है। वर्तमान में वह कंकरखेड़ा में अपने परिजनों के साथ रहते हैं। रोहित कुमार दस दिन की छुट्टी लेकर रविवार की रात बरेली से घर मेरठ आने के लिए रोडवेज की बस में सवार हुआ। बस की जिस सीट पर फौजी रोहित बैठा उसी की बगल वाली सीट पर यूपी पुलिस का एक सिपाही भी वर्दी में बैठा था। सिपाही नशे में था और उसने कार्बाइन लटका रखी थी। राेहित ने बताया कि थकान होने की वजह से रोहित सो गया था जब नींद खुली तो गजरौला पार हो चुका था। रोहित की बगल वाली सीट पर बैठा सिपाही गायब था और कार्बाइन सीट पर ही रखी हुई थी। फौजी रोहित ने सिपाही को बस में देखा, मगर वह नहीं दिखाई दिया। रोहित के अनुसार हथियार ऑटोमेटिक है, जिस वजह से उन्होंने किसी अन्य से इस बारे में कुछ नहीं पूछा और कार्बाइन काे अपने बैग में रख लिया। बाद में कंकरखेड़ा थाने पहुंचकर जवान ने इस कार्बाइन काे पुलिस के हवाले कर दिया। कार्बाइन की मैगजीन में 30 गोली भरी हुई थी। थाना प्रभारी तपेश्वर सागर ने जवान की प्रशंसाा की और कार्बाइन प्रकरण से अधिकारियों को अवगत कराया। पुलिस के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद मामला लखनऊ पहुंच गया है।