ताजा मामला दिल्ली के एम्स का है, जहां एक चार महीने की बच्ची को अस्पताल ने आॅपरेशन के लिए 4-5 साल के बाद की यानी 2023 की तारीख दी है।
भोपाल AIIMS में राजनीतिक दखलअंदाजी बहुत ज्यादा, अब सिस्टम से होगा काम हालांकि ये पहला मामला नहीं है जब किसी मरीज को इतने लंबे समय की तारीख दी गई हो, इससे पहले भी कईयों को तीन से चार साल तक का समय दिया गया है। लेकिन पांच साल का समय देना वाकई में हैरान करने वाला है। बता दें कि एम्स में मरीजों की बढ़ती तादात के चलते ऐसे मामले देखने को मिलते हैं।
आपको बता दें कि त्रिशा नाम की इस चार माह की बच्ची के दिल में छेद है और इसके परिवार वाले ऑपरेशन कराने के लिए एम्स पहुंचे, जहां उन्हें 2023 की तारीख पकड़ा दी गई।
हालांकि एम्स अधिकारी ने सफाई में कहा है कि मरीजों की संख्या ज्यादा होने की वजह से हमें यह कदम उठाना पड़ता है और इसके लिए कई बार ऊपर तक बात भी की गई है। वहीं एम्स के डाॅक्टरों का कहना है कि अस्पताल में मरीजों की वेटिंग लिस्ट एक चुनौती बन गई है। ऐसी ही स्थिती रही तो ये लिस्ट पांच साल से बढ़कर आठ साल भी हो सकती है।
कैंसर से जीती जंग, अब औरों के लिए बने उम्मीद की किरण बताते चलें कि मूलरूप से भोपाल के रहने वाले रामकिशोर चौरसिया लगभग ढ़ाई साल से दिल्ली के सरिता विहार में रहते हैं। रामकिशोर एक आॅफिस में कार्यरत हैं। उनकी चार माह की बच्ची त्रिशा के दिल में छेद है, जिसके इलाज के लिए वो एम्स गए। डॉक्टरों ने कहा कि उनकी बेटी का आॅपरेशन जल्द कराना बहुत जरूरी है क्योंकि उसकी हालत बहुत नाजुक बनी हुई है।
डॉक्टरों ने ये भी कहा कि एम्स में ऑपरेशन के लिए करीब 55 हजार रूपए लगेंगे और खून की भी जरूरत पड़ेगी, लेकिन मामला तब गंभीर हो गया जब एम्स ने आॅपरेशन के लिए 6 सितंबर 2023 के बाद का समय दिया।
साथ ही डाॅक्टरों ने कहा कि इस बच्ची का ऑपरेशन अभी नहीं कर सकते क्योंकि सर्जरी के लिए हमारे पास सीमित संसाधन हैं और मरीज भी बहुत ज्यादा। साथ ही डाॅक्टरों ने रामकिशोर को अपनी बच्ची का ऑपरेशन किसी और अस्पताल में कराने को कह दिया। एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में सीमित संसाधन एक मुख्य कारण है।