जबकि अब तक 6 लोग इस जानलेवा बीमारी की भेंट चढ़ गए हैं। वहीं, लोगों में कोरोना वायरस ( Coronavirus ) को लेकर भय के साथ असमंजस का माहौल है।
लोगों के दिमाग में कोरोना के फैलाव को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। इनमें से एक सवाल यह भी है कि क्या कोरोना वायरस ( Coronavirud News ) नकदी के लेन-देन से भी फैलता है।
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आपको बता दें कि देश में कोरोना के खतरे को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने नई गाइडलाइन जारी की है। आइये हम आपको बतातें है कि आरबीआई के अनुसार हमें क्या करना है और क्या नहीं?
दरअसल, आरबीआई ने भी कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए फिलहाल नगदी के लेन-देन से बचने की सलाह दी है।
आरबीआई ने लोगों से नकदी छोड़ डिजीटल माध्यम का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। आरबीआई का कहना है कि ऐसा करने से कोरोना के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
इसके साथ ही मेडिकल एक्सपर्ट्स ने आरबीआई की इस एडवाइजरी को गंभीरता से लेने की सलाह दी है।
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वायरस पर्सन टू पर्सन फैलता है। क्योंकि नकदी के लेन देने में दो लोगों को दूरी बहुत ज्यादा नहीं होती, इसलिए ऐसे में कोविड—19 का खतरा काफी बढ़ जाता है।
इसलिए कोरोना से बचाव के लिए कैश के लेन देन से परहेज करना ही ज्यादा कारगर साबित होगा।
एक्सपर्ट्स के अनुसार इस बात की प्रबल संभावनाएं हैं कि कोरोना या फिर सर्दी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति खांसते या छींकते समय अपने हाथों का इस्तेमाल जरूर करेगा और अगर वह अपने हाथों को सैनिटाइज नहीं करता तो यह वायरस नकदी के माध्यम से आप में आसानी से ट्रांसफर हो सकता है।
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भारतीय रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रंधक योगेश दयाल ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर किसी के साथ नकदी का लेन—देन करते हैं तो इसका सीधा मतलब है कि आपको पास कैश जरूर होगा।
जब यह कैश आपको पास से खत्म होेगा तो आप रुपए कलेक्ट करने एटीएम जरूर जाएंगे। ऐसे में अगर वहां पर 8 से 10 लोग पहले से ही मौजूद हैं तो यहां आपको अत्यधिक सावधान रहने की जरूरत है।
क्योंकि एटीएम जैसी जगहों पर दो लोगों के बीच पर्याप्त दूरी नहीं होती। ऐसे में आप से इन लोगों में या फिर उन लोगों से आपको संक्रमण होने का खतरा खड़ा हो सकता है।
इसलिए एटीएम या बैंक की भीड़भाड़ से बचने के लिए लेन—देन का डिजीटल माध्यम आपको कहीं अधिक सुरक्षित बना सकता है।