इसको लेकर कई राज्यों में तारीखें और नई गाइडलाइंस ( Schools Guidelines ) भी जारी हुई है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ( MHRD ) ने कहा है कि 15 अगस्त से स्कूल खोले जाएंगे, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूल को फिलहाल खोलना खतरे से कम नहीं होगा। अगर इसमें जल्दबाजी की जाती है तो इजराइल जैसे हालात भारत में भी हो सकते हैं। वहीं, अभिभावकों का भी कहना है कि जिस तरह कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, ऐसी स्थिति में बच्चों को स्कूल भेजना खतरनाक साबित हो सकता है।
इजराइल ( Israel ) में भुगतना पड़ा अंजाम
बता दें कि कुछ हफ्तों पहले इजराइल में स्कूल खोलने की अनुमति दी गई थी। उसके बाद सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा, क्योंकि स्कूलों में 200 से भी ज्यादा बच्चे और शिक्षक कोरोना संक्रमित पाए गए। इसके अलावा करीब 10 हजार बच्चों व शिक्षकों को क्वारंटाइन किया जा चुका है। वहीं, दो की मौत हुई है।
15 जुलाई के बाद तय होगा कब खुलेंगे स्कूल, राज्य सरकारों ने दो महीने और बंद रखने का दिया सुझाव
भारत में भी हो सकते है इजराइल जैसे हालात? ( Coronavirus in india )
विशेषज्ञों की राय है कि भारत में स्कूलों को खोलने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसे में स्कूलों का खोलना खतरनाक हो सकता है जैसे इजराइल में दिख रहा है। वहीं, अभिभावक भी इस बात को लेकर चिंतित है और उनका भी कहना है कि सरकार कुछ भी फैसला करें, वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि भारत में अगर पूरी रणनीति के तहत स्कूल नहीं खोले गए या जल्दबाज़ी की गई तो इजराइल जैसा अंजाम होना तय है।
15 अगस्ते से खुलेंगे स्कूल
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने कहा है कि 15 अगस्त से स्कूल खोले जाएंगे। इसको लेकर सभी राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श शुरू भी कर दिया है। लेकिन, विशेषज्ञ इन तारीखों को लेकर एकमत नहीं हैं। कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया ने कहा है कि अक्टूबर तक स्कूल न खोले जाएं।
अभिभावक नहीं चाहते स्कूल भेजना
एक सर्वे के मुताबिक, देश भर में सिर्फ 11 फीसदी अभिभावकों ने सरकार के तय किए कार्यक्रम के हिसाब से बच्चों को स्कूल भेजने की सहमति दी। 37 फीसदी अभिभावकों ने कहा कि 21 दिन तक कोई नया केस नहीं आएगा, तब वह अपने बच्चों को स्कूल भजेंगे। अन्य अभिभावकों ने कहा कि ऐसी स्थिति में वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।