
नई दिल्ली। कर्नाटक में विधानसभा चुनावों की सरगर्मी से राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल है। चुनावों के तारीखों की आधिकारिक सूचना से पहले ही सोशल मीडिया पर तारीखों के लीक होने की बात से माहौल और गर्म हो गया। लेकिन इस बीच चुनाव आयोग सामने आया और मामले पर अपनी बात रखी। चुनाव आयोग समिति ने कहा कि सूचना लीक नहीं हुई थी बल्कि ये सिर्फ एक अनुमान था। आयोग ने आगे बताया कि चुनाव कार्यक्रम लीक होने की बात बिल्कुल गलत है। इस बारे में कई न्यूज चैनलों पर अनुमानित खबरें चली थी, ये अफवाहें उसी का नतीजा है।
बनाई गई थी आंतरिक समिति
खबर है कि मामले की जांच के लिए चुनाव आयोग ने एक आंतरिक समिति बनाई थी। जिसे निष्पक्ष जांच करने की जिम्मेदारी दी गई थी। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की पूरी लिस्ट की घोषणा 27 मार्च को ही होनी थी लेकिन भाजपा के आईटी प्रमुख अमित मालवीय ने पहले ही इसके बारे में बता दिया था। हालांकि उन्होंने साथ ही ये भी कहा था कि वोटों की गिनती की जो तारीख सामने आई है वो गलत है। अमित मालवीय ने ये भी कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह के अनुमान हर चुनाव से पहले होते हैं इसलिए इन्हें चुनाव कार्यक्रम लीक करना नहीं कहा जा सकता है।
एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
चुनाव कार्य्रकम लीक होने की जांच के लिए आयोग के महानिदेशक धीरेन्द्र ओझा ने चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया और समिति को एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा था।
ये है वो मामला, जिससे गरमाई थी राजनीति
गौरतलब है कि बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्विट करके बताया था कि ‘12 मई को वोटिंग होगी और वोटों की गिनती 18 मई को होगी।' ऐसे में ये सवाल सामने आया था कि चुनाव आयोग ने इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है तो बीजेपी नेता अमित मालवीय को इसका पता कैसे चला। इस पर विपक्ष ने कटाक्ष करके भाजपा को ही 'सुपर इलेक्शन कमीशन' बता दिया था। हालांकि विवाद बढ़ते देख मालवीय ने ट्विट डिलीट कर दिया था।
Updated on:
14 Apr 2018 07:52 am
Published on:
14 Apr 2018 07:51 am
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