यही वजह है कि जिनके पास ये दस्तावेज नहीं है वो कर्नाटक में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( National Register of Citizenship ) लागू होने से पहले कर्नाटक में मुस्लिम परिवार आधार कार्ड से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक तमाम सरकारी दस्तावेज ( Government Document ) जुटा रहे हैं।
फांसी पर लटकने से पहले बैजू ने गंगाजल की बूंदे तो गटक ली, पर राम का नाम नहीं लिया नोटरी से बनवा रहे हैं जरूरी दस्तावेजदोनों कानून का असर इतना है कि मुस्लिम परिवार ( Muslim Family ) के लोग अपनी पिछली पीढ़ियों के ब्योरा के साथ कई परिवारों ने हलफनामा बनवाने के लिए नोटरी से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। इस बीच, मुस्लिमों के लिए काम करने वाले सामुदायिक नेताओं, मस्जिदों, जमात और कई नागरिक संगठनों ने लोगों को विभिन्न दस्तावेजों के बारे में बताना शुरू कर दिया है। इसके पीछे मुख्य मकसद मुस्लिम परिवारों के लोगों को बदले हालात के प्रति जागरूक करना है।
अमरीकी महिला ने संतान होने के बाद भी गोधरा की बच्ची को लिया गोद, केंट हेकमेन खुद रह चुकी हैं वक्फ बोर्ड ने जारी किया सर्कुलर एनआरसी और कैब लागू होने के बाद से मुस्लिम संगठनों में आम नागरिकों पर इसके प्रभाव को लेकर सामूहिक स्तर पर विचार विमर्श शुरू कर दिया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए वक्फ बोर्ड (
wakf board ) ने राज्य भरके मस्जिदों को एक सर्कुलर जारी किया है। इनमें से कई ने पहले से ही लोगों को संगठित करना शुरू कर दिया था।
मुस्लिम संगठनों और प्रभावी लोगों द्वारा मुस्लिम परिवार के लोगों को आवश्यक दस्तावेजों की चेकलिस्ट बताई जा रही है। इन दस्तावेजों में 1951 से पहले या निवास प्रमाण, भूमि संबंधी कागजात और किरायेदार रिकॉर्ड, पासपोर्ट, एलआईसी पॉलिसी और एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स शामिल हैं। ताकि भारत में रहने वाले मुसलमान खुद को कानून की नजरों में यहां का नागरिक साबित कर सकें।
चुनावी सभा में PM Modi बोले- ट्रिपल तलाक से मुस्लिम बहनों से ज्यादा भाइयों की हुई मदद NRC और CAB का असर आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक ( CAB ) को संसद की मंजूरी मिलने के बाद अब देश के विभिन्न हिस्सों में अवैध तरीके से निवास करने वाले अप्रवासियों के लिए अपने निवास का कोई प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजूद नागरिकता हासिल करना सुगम हो जाएगा। वहीं एनआरसी लागू होने से यह तय होगा को भारत में रहने वाला व्यक्ति यहां का नागरिक है या नहीं। यही वजह है कि लोग एनआरसी और कैब दोनों स्तर पर खुद को देश का नागरिक साबित करने के लिए दस्तावेज बनवाने में जुट गए हैं।