मालदीव पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी, थोड़ी देर बाद संसद को करेंगे संबोधित
पहले ही मिल गई थी जमानत आपको बता दें कि पिछले महीने मोहम्मद सनाउल्लाह को असम पुलिस की सीमा शाखा ने विदेशी घोषित कर उन्हें हिरासत में ले लिया था। जिसके बाद उन्हें पश्चिमी असम के गोलपारा जिले के एक बंदी शिविर में रखा गया था। इसके बाद शुक्रवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने सनाउल्लाह को उनके वकील इंदिरा जयसिंह और कई अन्य लोगों की दलीलें सुनने के बाद जमानत दे दी गई थी। हालांकि, अदालत ने उन्हें निर्देश दिया कि वह सीमा पुलिस को सूचित किए बिना कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले के अधिकार क्षेत्र को छोड़कर न जाएं।
केंद्र सरकार को भटकार
वहीं, इस मामले में न्यायमूर्ति मनोजित भुइयां और न्यायमूर्ति पी. के. डेका ने केंद्र सरकार, असम सरकार, रक्षा मंत्रालय, असम पुलिस के जांच अधिकारी और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया है।
कौन हैं मोहम्मद सनाउल्लाह
सेवानिवृत्त सैनिक मोहम्मद सनाउल्लाह असम के कामरूप जिले में बोको के कलहिकाश गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म 1967 में हुआ था। मोहम्मद सनाउल्लाह 1987 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। वे कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं। उन्होंने 2017 में मानद कैप्टन के रूप में सेवानिवृत्त होने से पहले 30 वर्षो तक सेना में रहकर देश की सेवा की। बता दें कि उन्हें 2014 में भारतीय सेना में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) के रूप में नियुक्त होने पर राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।