हरियाणा सरकार ने दिए जांच के आदेश
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि इस तरह जाम में एंबुलेंस को रोके जाने की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैंने खुद डीजी हेल्थ सर्विसेज को प्रारंभिक जांच के बाद आज ही रिपोर्ट और एंबुलेंस ड्राइवर के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। अगर एंबुलेंस रोके जाने की वजह से बच्ची की जान गई है तो इस मामले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि बताया जा रहा है राफेल डील के विरोध में निकाली जा रही रैली की वजह से लगे जाम में एंबुलेंस के फंसने से एक नवजात बच्चे की मौत हुई है।
अशोक तंवर ने अस्पताल पर फोड़ा ठिकरा
वहीं सवालों के घेरे में आए हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने अस्पताल के सिर पर बच्ची पर मौत का ठीकरा फोड दिया है। गोहाना में कहा कि हम बच्ची की मौत से दुखी हैं। हमें इस गंभीर मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। एफआईआर से सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर प्राथमिकी दर्ज की जानी है, तो इस लापरवाही के लिए अस्पताल के खिलाफ होना चाहिए। इससे पहले अशोक तंवर ने कहा कि रैली की वजह से कोई मौत नहीं हुई और न ही कोई एंबुलेंस जाम में फंसी थी। तंवर ने दावा किया कि एंबुलेंस उनकी रैली नहीं बल्कि सड़क निर्माण की वजह से लगे जाम में फंसी हुई थी।
डीजे के शोर में दब गई मासूम की आवाज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राफेल विमान विमान सौदे के विरोध में हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर बुधवार को साइकिल रैली निकाल रहे थे। कथित तौर पर रैली की वजह से करीब पांच किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। सड़क के दोनों ओर साइकिल,कार और डीजे लदे ट्रक चल रहे थे। इसकी वजह से एंबुलेंस को निकलने का रास्ता नहीं मिला। डीजे के कानफाड़ू शोर में एंबुलेंस का सायरन और बच्ची के रोने की आवाज दब गई और उसने दम तोड़ दिया। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें एंबुलेंस जाम में फंसी हुई दिख रही है।
जाम नहीं फंसते तो बच जाती बच्ची: परिजन
मृतक बच्चे के परिजनों ने कहा कि अगर एंबुलेंस को रास्ता मिलता तो शायद मेरे बच्चे की जान की बच जाती। बच्चे के पिता ने कहा कि कांग्रेसी कार्यकर्ता सड़कों पर नाच रहे थे और जोर-जोर से डीजे बजा रहे थे। एंबुलेंस करीब एक घंटे तक जाम में फंसी रही। दोपहर तीन बजे जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।