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जानिए क्या होता है परिसीमन आयोग, कब हुआ इसका गठन और कैसे करता है कार्य?

परिसीमन का मतलब है सीमाओं का रेखाचित्रण
परिसीमन आयोग को भारतीय सीमा आयोग भी कहते हैं
सबसे पहले 1952 में हुआ था गठन

नई दिल्लीJun 05, 2019 / 12:30 pm

Shivani Singh

delimitation commission

नई दिल्‍ली। गृह मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद अमित शाह पूरी तरह से एक्टिव नजर आ रहे हैं। ख़बर है कि गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों के नए सिरे से परिसीमन की तैयारी करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार नए परिसीमन आयोग के गठन पर विचार कर रही है। आईए जानते हैं कि परिसीमन आयोग क्या है, कब इसका गठन हुआ और ये कैसे काम करता है-

amit shah
परिसीमन की परिभाषा

परिसीमन का मतलब किसी देश या प्रांत में निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं का पुनर्निर्धारण है। इसका सरल शब्दों में अर्थ है सीमाओं का रेखाचित्रण। ये सीमाएं घरेलू, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हो सकती है। बता दें कि इस शब्द का सबसे सामान्य उपयोग चुनावी सीमाओं के संदर्भ में किया जाता है।
क्या होता है परिसीमन आयोग

परिसीमन आयोग को भारतीय सीमा आयोग भी कहते हैं। इसके अंतर्गत सीटों की संख्या के आवंटन और क्षेत्रों में उनके सीमांकन का काम किया जाता है। संविधान के अनुच्छेद 82 के मुताबिक, सरकार हर एक दशक (10 साल) बाद परिसीमन आयोग का गठन कर सकती है। इसके तहत जनसंख्या के आधार पर विभिन्न विधानसभा व लोकसभा क्षेत्रों का निर्धारण होता है। बता दें कि परिसीमन की वजह से किसी भी राज्य से प्रतिनिधियों की संख्या नहीं बदलती। लेकिन जनसंख्या के हिसाब से अनुसूचित जाति जनजाति सीटों की संख्या बदल जाती है।
परिसीमन आयोग का गठन

परिसीमन आयोग भारत सरकार की ओर से परिसीमन अधिनियम के अन्तर्गत स्थापित आयोग है। इस सम्बन्ध में अधिसूचना भारत के राष्ट्रपति के ओर से जारी की जाती है। अब तक चार बार परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है। जब संविधान अस्तित्व में आया तब सबसे पहले 1952 में इस आयोग का गठन किया गया था। इसके बाद 1962, 1972 और 2002 में इस आयोग का गठन किया गया था।
EC
आयोग के मुख्य कार्य

1. हाल में हुई जनगणना के आधार पर देश के सभी लोकसभा और विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों की फिर से सीमाएं निर्धारित करना।

2. सीमाओं के पुनर्निर्धारण में राज्य में प्रतिनिधित्व को स्थिर रखना। यानी चुने गए प्रतिनधियों की संख्या में कोई बदलाव नहीं होना।
3. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की गठना विधानसभा सीटों के निर्धारण क्षेत्र की ज गणना के अनुसार करना।

कौन होता है परिसीमन आयोग का अध्यक्ष

sunil arora

परिसीमन आयोग का अध्यक्ष मुख्य चुनाव आयुक्त होता है। वर्तमान में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनिल अरोड़ा इस आयोग के अध्यक्ष हैं। वहाीं, राज्य के चुनाव आयुक्त इसके सदस्य होते हैं।

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