मोदी विरोधी बयान पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दी सफाई, राहुल से पूछा- आपको मराठी कब से समझ आने लगी? मजहबी आधार पर बंटे हैं आठ सेक्शन रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहली से पांचवी कक्षा तक के इस सरकारी स्कूल में कुल 17 सेक्शन हैं। इनमें से आठ सेक्शन ऐसे हैं जहां मजहबी आधार पर बच्चों को बांटा गया है। प्राचार्य चंद्रभान सिंह सहरावत ने यह बात मानी कि बच्चों को बांटा गया है लेकिन इसका आधार हिंदू-मुसलमान कैसे हुआ? इसका उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमने बच्चों को अलग-अलग सेक्शंस में बांटा जरूर है लेकिन इसके पीछे धर्म कोई आधार नहीं है और न ही ऐसी कोई सोच है।’
दिल्ली के 74 स्कूलों ने तोड़ा RTE कानून! एक भी गरीब बच्चे को नहीं दिया दाखिला शिक्षकों ने जताई थी आपत्ति, मिला उल्टा जवाब रिपोर्ट्स के मुताबिक स्कूल के शिक्षकों ने प्राचार्य के इस कदम पर आपत्ति भी जाहिर की थी। प्राचार्य से जब पूछा गया कि आप किस आधार पर सेक्शन बांट कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘यह मेरा अधिकार है, मैं जैसे चाहूं कर सकता हूं। आपको पढ़ाने से मतलब है।’ फिलहाल इस मामले में शिक्षा निदेशालय या सरकार की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं आई है। यह तो जांच के बाद ही साफ होगा कि जानबूझकर किया गया या इत्तेफाक से हुआ। लेकिन बच्चों के मन में नफरत करने वाले इस कदम की हर जगह आलोचना हो रही है।