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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पेशे से आयुर्वेदिक फिजिशियन डॉक्टर शक्ति प्रसाद मिश्रा को मंगलवार को ख़बर मिली की नुआगाडा गांव में एक अनाथ किशोर कुमुलु किरसानी काफी बीमार है। वह उठ कर चल भी नहीं सकता। उसकी देखभाल के लिए कोई नहीं है। जिसके बाद डॉक्टर शाक्ति प्रसाद उसे देखने पहुंचे। उसकी हालत इतनी खराब थी कि उसे अस्पताल ले जाना जरूरी था।
बता दें कि किशोर जिस गांव में रहता था वहां सड़क मार्ग नहीं थी। उस गांव में जाने के लिए जंगल और उबड़-खाबड़ रास्तों से होकर गुजरना पड़ता था। इस वजह से उन्हें गांव से पांच किलोमीटर दूर ही एंबुलेंस छोड़ना पड़ा। इसके बाद डॉक्टर और एंबुलेंस ड्राइवर ने किशोर को बांस के डंडे पर कपड़े का झूला बना कर अपने कंधे पर उठा कर अस्पताल पहुंचाया। तब जाकर किशोर का इलाज हो सका।
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किशोर को अस्पताल पहुंचाने में डॉक्टर को लगभग 5 किलोमीटर खराब और पहाड़ी भरे रास्ते से गुजरना पड़ा। डॉक्टर के सेवा भाव की हर कोई तारीफ कर रहा है। किसी पराए के लिए डॉक्टर की ओर से किया गया ये सेवाभाव हर किसी के लिए मिसाल है।