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Coronavirus: 5 मिनट की ताली-थाली के बाद 9 मिनट की दिवाली ने दिखाई अनेकता में एकता

22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान शाम पांच बजे पीएम मोदी ने ताली-थाली बजवाई थी। अब रविवार 5 अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए बिजली बुझाकर दीया-मोमबत्ती जलवाई। विविधता में एकता वाले भारत में इन दोनों मौकों पर देशवासियों ने एकजुटता का संदेश दिया।

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Amit Kumar Bajpai

Apr 06, 2020

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नई दिल्ली। कोरोना के विश्वव्यापी कहर के बीच भारत इसके खिलाफ लड़ाई में पुरजोर ताकत लगाए हुए है। केंद्र और राज्य सरकारों समेत कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लगे अलग-अलग क्षेत्रों के कर्मियों ने दिन-रात एक कर दुनिया के अन्य मुल्कों की तुलना में देश को अभी तक अपेक्षाकृत काफी हद तक बचाया हुआ है। लेकिन इन सबके बीच प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बीते 22 मार्च को शाम पांच बजे पांच मिनट के लिए ताली-थाली बजाने का आह्वान करने के बाद अब रविवार 5 अप्रैल की रात नौ बजे नौ मिनट के लिए घरों के बल्ब बंद कर दीया-मोमबत्ती-मोबाइल टॉर्च जलाकर बॉलकनी-छत-दरवाजों पर आने के लिए कहा गया, तो पूरा देश इस मुहिम में आगे आ गया। पहले थाली-ताली और अब 9 मिनट की दिवाली ने एक बात तो साफ जाहिर कर दी कि देश ऐसे वक्त में एकजुटता के साथ खड़ा हुआ है।

#9baje9minute: कोरोना के खिलाफ नौ मिनट के लिए मनी दिवाली, समूचे देश में दिखी एकजुटता

इसमें कोई दो राय नहीं कि कोरोना वायरस विश्वव्यापी महामारी है और दुनिया के ज्यादातर मुल्क इससे जूझ रहे हैं। चीन के बाद इटली, इरान, अमरीका, फ्रांस में कोरोना की भयावहता का जो मंजर नजर आया है, इसे किस्मत की बात कहें या फिर एकजुट प्रयासों की भारत में अभी इसने अपना रौद्र रूप नहीं दिखाया है। देश इसके खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से लगा हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले बीते 19 मार्च को राष्ट्र के नाम संबोधन में रविवार 22 मार्च को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक पूरे देश में जनता कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की। इस दौरान पीएम मोदी ने पूरे देश से इसमें हिस्सा लेने के लिए कहा और खुद को इसमें शामिल दिखाने के साथ ही कोरोना वीरों के प्रति सम्मान जताने के लिए उसी दिन शाम पांच बजे पांच मिनट के लिए अपने घर की बॉलकनी-दरवाजे-छतों पर ताली-थाली बजाने का आह्वान किया।

देशवासियों का साथ

पीएम मोदी के इस आह्वान का देशवासियों ने खुले दिल से समर्थन किया और देशभर के हर कोने में लोगों ने सुबह से लेकर रात तक जनता कर्फ्यू का ना केवल पालन किया बल्कि शाम पांच बजे ताली-थाली ही नहीं शंखनाद-मंजीरे बजाकर इस मुहिम में अपनी भूमिका निभाई। देशवासियों ने कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी एकजुटता दिखाई और यह संदेश दिया कि वो भी इस वायरस के खिलाफ जंग में कूद गए हैं।

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टोटल लॉकडाउन

पीएम मोदी ने इसके बाद बीते 24 मार्च से देशभर में 21 दिनों के लिए टोटल लॉकडाउन लगा दिया और बीते दो अप्रैल को एक वीडियो संदेश जारी कर पूरे देशवासियों से एक बार फिर एकजुटता दिखाने का आह्वान किया। पीएम ने लोगों से कहा कि समूचे देशवासी इस बार रविवार पांच अप्रैल रात नौ बजे नौ मिनट के लिए अपने घरों की सभी बत्तियां बुझा दें। लोग इस दौरान अपने घरों की छतों-दरवाजों-बॉलकनी पर मोमबत्ती-दीया-मोबाइल टॉर्च जलाकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अपना सहयोग दें।

कोई वैज्ञानिक आधार नहीं

वैसे भले ही ताली-थाली बजाने और बिजली बुझाकर दीया-मोमबत्ती जलाने से कोरोना के खिलाफ कोई जंग जीतने का वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन एक बात तो तय है कि भारत ने इन दो मौकों पर अनेकता में एकता का स्पष्ट उदाहरण दिया। जहां दिवाली के मौके पर समूचे देश में दीयों-मोमबत्तियों के साथ ही बिजली के झालर-बल्ब से सजावट की जाती है, रविवार को बिजली की रोशनी मौजूद नहीं थी।

मनोवैज्ञानिक असर

पीएम की इस अपील का एक सकारात्मक असर तो भारत की एकजुटता के रूप में सामने आया। वहीं, पीएम मोदी द्वारा लॉकडाउन के दौरान बीते करीब दो सप्ताह से अपने घरों में बैठे लोगों को मनोवैज्ञानिक रूप से भी सक्रिय किया गया। इस संबंध में मनोवैज्ञानिक डॉ. अराधना गुप्ता कहती हैं कि कामकाजी लोग सप्ताह में एक-दो दिन अवकाश पर रहते हैं और घरों में या फिर कहीं जरूरी काम में व्यस्त हो जाते हैं। लेकिन कोरोना वायरस के चलते लोग 24 मार्च से घरों में हैं और ना काम पर जा पा रहे हैं और ना ही घर से बाहर निकल पा रहे हैं। ऐसे में काफी तादाद में लोगों पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ना लाजमी है।

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उन्होंने कहा कि दरअसल यह लॉकडाउन छुट्टी नहीं है जो लोग घूम सकें, बाहर जा सकें, खरीदारी कर सकें बल्कि यह एक तरह से उनके लिए बंधन जैसा है। काफी संख्या में लोग इससे परेशान हो रहे हैं। ऐसे में अगर उन्हें कोई टास्क दे दिया जाए, तो जाहिर सी बात है यह उन्हें सक्रिय रखने के साथ बंधन से मुक्ति का अहसास दिलाने का काम करता है। भले ही यह नौ मिनट की कवायद थी, लेकिन तीन दिन पहले इसकी घोषणा ने उन्हें इतने दिनों के लिए मानसिक रूप से एंगेज कर दिया, जो काफी अच्छा है।

दुनिया बेहाल

गूगल के मुताबिक रविवार रात करीब 11.30 बजे तक दुनियाभर में कोरोना वायरस के कुल 12 लाख 37 हजार 420 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इनमें 67 हजार 260 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 2 लाख 52 हजार 944 लोग इससे ठीक हो चुके हैं। भारत में इस महामारी ने अब तक 3577 लोगों को अपनी चपेट में लिया है और 83 लोगों की जानें चली गई हैं, जबकि 275 लोग ठीक भी हो चुके हैं।

इस बीमारी से इटली में सर्वाधिक 15,887 लोगों की जानें गईं, जबकि स्पेन में 12,418, अमरीका में 9,302, फ्रांस में 8,078, ब्रिटेन में 4,932, ईरान में 3,603, चीन में 3,329, नीदरलैंड में 1,766 जर्मनी में 1,524, बेल्जियम में 1,447 लोगों की जानें जा चुकी हैं और लाखों लोगों में इसके लक्षण मिले हैं। जबकि इसके अलावा भी तमाम मुल्कों में मरने वालों की तादाद सैकड़ों में है।








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