प्रदर्शन में रही साथ सीमा निर्भया को इंसाफ मांगने के प्रदर्शन में भी साथ-साथ खड़ी रही। बतौर वकील होने के साथ उन्होंने अपना कर्तव्य समझते हुए इस केस को लड़ने का फैसला किया और निर्भया को न्याय दिलाने की ठान ली थी। सीमा बताती हैं कि अगर वह मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट, लिस्टिंग के लिए कोशिश नहीं करतीं तो मामला लटका ही रहता।
बिना पैसे लिए लड़ा केस जानकारी के मुताबिक 2012 से लेकर अबतक सीमा कुशवाहा निर्भया के लिए अदालत में इंसाफ की लड़ाई लड़ रही थीं। चारों दोषियों को फांसी मिलते ही लोग सीमा कुशवाहा को भी बधाई दे रहे हैं। इस पूरे केस सीमा कुशवाहा ने बिना एक पैसे लिए लड़ा है।
आईएएस बनना चाहती थी सीमा जानकारी के मुताबिक सीमा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही लॉ की पढ़ाई की है। निर्भया रेप केस के दौरान में ट्रेनी थीं। वह निर्भया ज्योति लीगल ट्रस्ट से भी जुड़ी बताई जाती हैं जो रेप आदि केस में कानूनी सलाह देने के लिए निर्भया के परिवार ने ही बनाया था। एक टीवी इंटरव्यू में सीमा ने बताया था कि वह सिविल परीक्षा देकर आईएएस बनना चाहती थीं। सीमा के मुताबिक वह खुद ऐसी जगह से आती हैं जहां लड़कियों को ज्यादा आजादी नहीं मिलती। बावजूद इसके वह वकील बनीं। इसके बाद उन्हें कुछ भी नामुमकिन नहीं लगता।