नई दिल्ली। वैसे तो भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े तमाम किस्से हैं, जिनके बारे में लोग अच्छी तरह जानते हैं। लेकिन कान्हा की जिंदगी के बारे में तमाम ऐसी बाते भी हैं, जिन्हें जानकर आपको हैरानी भी हो सकती है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर आइए आपको भी कन्हैया के जीवन से जुड़े अंक 8 के रहस्य से रूबरू कराते हैं।
8वीं संतान सबसे पहले आपको भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बारे में बताते हैं। इनका जन्म द्वापरयुग में उत्तर प्रदेश के मथुरा मेें हुआ था। यहां पर कन्हैया के मामा कंस ने आतंक मचाया हुआ था। कन्हैया के जन्म से पहले पहले ही कंस को आकाशवाणी के जरिये यह पता चल चुका था कि उसकी बहन देवकी और बहनोई वसुदेव की आठवीं संतान उसका वध करेगी।
8 तारीख को जन्म हिंदू कैलेंडर के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी (आठवें दिन) को हुआ था। यानी न केवल वह परिवार में आठवें नंबर की संतान थे, उनका जन्म भी आठ तारीख को हुआ था।
आठ रानियां भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में 8 अंक का महत्व केवल इतना ही नहीं था। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने 16 हजार स्त्रियों के साथ विवाह किया था, लेकिन उनकी रानियां केवल 8 ही थीं। इनका नाम रुक्मणी, सत्यभामा, जबावती, कालिंदी, मित्रवृंदा, नाग्नजिती, भद्रा और लक्ष्मणा है।